राजस्थान सरकार,जयपुर
राजस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते सरकारी अस्पतालो की दुर्दशा हो रही है, वार्डस खाली हो रहे है,अस्पतालो में सर्जरी टाली जा रही है।
ऐसे में गरीब आदमी को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है कि या तो गरीब प्राइवेट अस्पताल जाकर मोटी रकम खर्च करे या दर्द से कराहता रहे,लगता है सरकार की संवेदना ही खत्म हो गई है। सरकार यह विचार तो करे की गम्भीर रोगी अथवा जिन्हें तत्काल surgical treatment चाहिए उनका क्या होगा और कैसे उनका इलाज कौन करेगा।
आज हड़ताल को 9 दिन हो गए और सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी है आखिर क्यों?किसका अहम आड़े आ रहा है?
ऐसा पहली बार ही हुआ है कि हड़ताली बात करने आवे और सरकार बात नहीं करे।यह कैसा लोकतंत्र कि हड़ताली से सरकार बात नही कर हड़तालियों का दमन करे और जनता परेशान हो।
सरकार को चाहिए कि हड़ताली residents से वार्ता करे व हड़ताल का हल निकाल अस्पतालो को ढर्रे पर लाये ताकि गरीब मरीज अपना इलाज करा सके तथा सरकार इन गम्भीर रोगियों को मौत के हवाले नहीं करे। आज के residents कल के mo है specialist है HOD है वार्ता के हकदार तो है ही।
आशा है स्वास्थ्य मंत्री जी,स्वास्थ्य सचिव महोदय व माननीय मुख्यमन्त्री जी इस हड़ताल को गम्भीरता से लेंगी तथा मरीजो के हक में सरकार हठधर्मिता त्याग हड़ताल का हल निकालेगी।
डॉ श्रीगोपाल बाहेती,पूर्व विधायक
पुष्कर
