पानी ही पानीं !

sohanpal singh
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लगता तो ऐसा है कि जिस प्रकार से भक्तों को छोड़ कर पूरा देश अपने प्रधान सेवक से संतुष्ठ नहीं दिखता है , उससे अधिक प्रकृति भी नाराज है ,क्योंकि दो वर्ष तक पानी के देवता इन्दर भी रुष्ट रहने के बाद वह जब बरसते हैं तो ये नहीं मालूम होता हैं कि वह खुशि में बरस रहे हैं या रुष्ठ हैं ? क्योंकि पूरे देश में जहाँ जहाँ बारिश हुई है आधुनिक मेलेनियम शहरों सहित बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है ? असोम, अरुणाचल , बिहार, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल , पंजाब, बेंगलुरु , दिल्ली ,मध्य प्रदेश , अब आधुनिक शहर गुरुग्राम सब पानी पानी, अबतो कबीर की बाणी भी काम नहीं आ सकती, कबीर ने कहा है, ज्यों जल बाढ़े नावं में घर में बाढ़े दाम , दोनों हाथ उलूचिये यही सज्जन को काम । अब सज्जन भी क्या करें घर में अकूत धन रखने वालो को तो अवसर मिल ही गया है कि खुल कर अपने अतिरिक्त धन की घोषणा करो उसका 55 प्रतिशत वापस बैंको में जमा कर के चैन की बंशी बजाओ ? लेकिन अब करोड़ों रूपये में फ्लेट्स खरीदकर मेलेनियम शहरों में रहने वाले लोग घर में घुसे अतिरिक्त पानी को , कबीर के कहे अनुसार किस प्रकार बाहर निकाले ? क्योंकि न तो नाले नालियों का पता है नहो सड़क और खेत खलियान का पता है एक अकेला आदमी क्या करे ?

कहते है कि आज का गुरु ग्राम महाभारत फेम गुरुद्रोणाचार्य को पांडवों के द्वारा दक्षिणा में मिला था इस लिए ज्योंही गुड़गांव के नाम को गुरुग्राम कहा गया एकलव्य की आत्मा ही तड़फ उठी होगी क्योंकि केवल द्रोणाचार्य की मूर्ति के सामने बैठकर धनुर्धर बने एकलव्य को गुरु दक्षिणा के रूप में अपने दायें हाथ के अंगूठे को ही भेंट देना पड़ा था ? शायद एकलव्य उससे अधिक भूभाग जीतकर गुरु को समर्पित कर सकता था? इसलिए गुरु को विरोध दिखने के लिए एकलव्य ने देवता इन्दर के साथ मिलकर कोई सडयंत्र जरूर किया होगा तभी तो मेलेनियम शहर के सभी नदी नाले घाट चौक और चौकी अवरुद्ध है सब और पानी ही पानी ? रहीम ने पानी की महिमा पर प्रकाश तो डाला लेकिन अधिक हो जाये पानी तो क्या करे क्या न करे इस पर मौन रहे , रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून , उतरे से फिर न उबरे मोती माणस
चूण ? इसलिए अब तो ऊपर वाला ही मालिक है क्योंकि रहीम तो कह चुके है कि पानी उतना ही अच्छा है जितने से मोती की आब बची रहे , आंटे में पानी अधिक हो जाये तो कैसा लगता है और अगर कोई व्यक्ति ही पानी में डूब जाये तो क्या होता है । इस लिए अगर कोई शहर ही पानी में डूब जाये तो क्या। होगा ?

एस. पी. सिंह, मेरठ ।

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