sohanpal singhप्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज 8 नवम्बर 2016 से 1000 और 500 रुपये के करंसी नोटों को रात 12 बजे से बंद करने की घोषणा जहां एक ओर आईडीएस 2016 यानि फेयर एंड लवली योजना में वांछित परिणाम में काले धन की घोषणा का नहीं होना और निरंतर काले धन का और नकली मुद्रा के परवाह को न रोक पाने की विफलता से जूझती सरकार की साख दांव पर लगी है दूसरी ओर पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में उत्तर प्रदेश प्रमुख है जहाँ माया वती और मुलायम सिंह की पार्टी के पास अकूत धन जमा है और बीजेपी के पाँव जम नहीं पा रहे हैं ? इस लिए मोदी द्वारा लिया गया यह निर्णय दोनो ही पार्टियों को चित कर गया है वहीं बीजेपी को बढ़त प्रदान करेगा ? पैसे के आभाव में कोई भी चुनाव नहीं जीता जा सकता ? आज जब 7बज कर 45 मिनट पर तमाम न्यूज़ चैनलो पर यह किलिपिंग आ रही थी की 8 बजे प्रधान मंत्री कोई महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे तो हमे तो ऐसा लगा कि आज पाकिस्तान के साथ कुछ आर पार की घोषणा जैसी बात सुनने को मिलेगी क्योंकि उससे पहले तीनो सेना प्रमुखों से एनएसए की उपस्थिति में मुलाकात ऐसा ही सन्देश दे रही थी ? लेकिन यह तो चुनावी दावँ पेंच से अधिक कुछ नहीं है ? लेकिन यह कदस्म देश को दिशा देने में कितना सहायक होगा समय ही बताएगा ? लेकिन यह बात निश्चित है कि कुछ समय के लिए काले धन के प्रवाह के स्रोत अवश्य ही सूख जायेंगे लेकिन कुछ समय के बाद सब कुछ पहले जैसा ही हो जायेगा ? कारण यह है कि काले धन की समस्या करंसी नोट नहीं है बल्कि धन जोड़ने की मनिवृति है और टैक्स चोरी है ? इस लिए किसी तुगलकी फरमान से यह समस्या ठीक नहीं हों सकती ?