लीजिए, आ गई हकीकत सामने….

प्रताप सनकत
प्रताप सनकत
मोहम्मद रफी साहब ने हकीकत से रु ब रु कराने वाला कालजयी नगमा गाया था उसके बोल आप भी पढ़िए….
क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छिपी रहे।
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छिपी रहे।
भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार महात्मा गांधी, लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल और संविधान निर्माता बाबा साहे डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति गजब का सम्मान दिखा रही है।
1. महात्मा गांधी के स्वदेशी प्रेम को ध्यान में रखते हुए खादी को मोदी आगे बढ़ा कर गांधी के प्रति भाजपा के सम्मान को प्रचारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
2. लौह पुरुष के सम्मान में विशाल प्रतिमा बनवा रहे हैं।
3. और अब यह जताने के लिए डा. अंबेडकर के प्रति उनकी गजब की आस्था है, भीम एप शुरु किया गया है।
ये तो है वो चेहरा जो मोदी और भाजपा देश को दिखा रहे हैं। क्या कोई दूसरा चेहरा भी है?
एक ताजा घटना हुई है। उससे आप अंदाज लगा लें।
खादी महकमा हर साल दो चीजें जारी करता है।
1. डायरी 2. कैलेंडर।
गांधी डायरी विश्वविख्यात है। कैलेंडर भी।
डायरी पर गांधी जी फोटो लगी होती थी।
थी….. शब्द का इस्तेमाल इसलिए कर रहा हूं क्योंकि वर्ष 2017 की जो डायरी जारी की गई है उसमें गांधी जी तस्वीर नहीं है। जो कैलेंडर छापा है उसमें भी गांधी जी की तस्वीर नहीं है। गांधीजी की तस्वीर जी जगह नरेंद्र मोदी की तस्वीरों ने ले ली है। कैलेंडर पर मोदी चरखा कात रहे हैं, जहां पहले गांधीजी की चरखा कातते तस्वीर हुआ करती थी।
उम्मीद तो नहीं है मेरे को कि मोदी ने गांधी जी को पढ़ा होगा। गांधीजी को गुनने की तो मोदी से उम्मीद की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हां तस्वीरों में गांधी का स्थान उन्होंने ले लिया है।
लगता है सरदार पटेल आैर बाबा साहेब अंबेडकर भी एकए दिन इसी तरह तस्वीरों में गायब होते जाएंगे और उनका स्थान मोदी ले लेंगे। शायद यही उनका असली चेहरा है।
हां, एक बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं..
गांधी, पटेल और अंबेडकर संसार में एक ही बार पैदा होते हैं। दूसरा कोई पैदा होता नहीं है। यकीं ना हो मोदी जी, तो एक बार गांधी की तरह कुछ घंटे जी कर देख लें।

error: Content is protected !!