यह जो कुछ भी हो रहा है वो ऐसा नहीं है अभी ढाई वर्षों में ही पनपा है यह फौजी डिसिप्लिन के कड़े नियम कायदे की वजह से है फौजी जवानो को फटीक के नाम पर बहुत कुछ करना पड़ता है और ऑफिसर के घर काम करने में जवानो को भी कुछ सुविधा मिलती ही है उन्हें PT परेड से छुट्टी भी मिल और घूमने फिरने की आजादी मिल जाती है ? लेकिन यह अवश्य है की मोदी सरकार के आने के बाद लोगो में एक अनुभूति हुई की अब भ्रष्टाचार मिट जायेगा लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं उलटे मोदी सरकार के उलटे सीधे निर्णयों के कारण और अर्धसैनिक बालों के अत्यधिक उपयोग के कारण अर्ध सैनिक बालों के जवान आक्रोश में है क्योंकि ये मोदी ही थे जिन्होंने अपने चुनाव प्रचार में एक सर के बदले दस सर लाने का वायदा किया था और सभी देश वासियों को अत्यधिक सुविधाये देने का वचन दिया था ऐसा कुछ हुआ ही नहीं अपितु नोट बंदी के कारण पूरे देश का जनमानस आक्रोशित और आंदोलित है जिस कारण से फोर्स में भी आक्रोश है जो सोशल मीडिया पर उभरता है । और इसको जितना भी दबाया जायेगा उतना ही फैलेगा ? इस लिए सरकार और फ़ौज को स्वयं आत्म मंथन करना होगा की फोर्स के जवानो को सोशल मिडिया पर फौजी जवानो के लिए कितना अंकुश उचित होगा ?
एस. पी. सिंह, मेरठ ।