*▶️जयपुर में शिप्रा थाने की पुलिस ने सेना के कमांडो को निर्वस्त्र कर पीटा*
*▶️राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री ने थाने पहुंच कर लगाई पुलिस अफसरों को जमकर फटकार*
*▶️जयपुर के पुलिस आयुक्त ने एक एएसआई सहित चार पुलिस कर्मियों को किया लाइन हाजिर*
*✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।*
📱8302612247
*▶️यह है घटनाक्रम◀️*
*अब बताते हैं, उस घटनाक्रम की पूरी जानकारी, जिस पर कर्नल राज्यवर्धन सिंह को गुस्सा आया और वे शिप्रा थाने पहुंच गए। उन्होंने एसीपी को जमकर लताड़ लगाई। जयपुर शहर के शिप्रा पथ थाने में पुलिस ने सेना के एक कमांडो को न सिर्फ निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा, बल्कि अपराधियों के बीच बैठाकर पुलिस वालों ने कहा-पुलिस भारतीय सेना की बाप है। इसकी शिकायत कमांडो ने जब सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से की तो वे सोमवार को थाने पहुंचे और एसीपी संजय शर्मा को जमकर फटकार लगाई। राठौड़ ने खुद यह घटनाक्रम मीडिया को बताया।*
*▶️थाने जाना गुनाह हो गया◀️*
*दरअसल, 11 अगस्त को सेना के कमांडो अरविंद अपने परिचित जवान के केस के सिलसिले में जानकारी लेने थाने गए थे। थाने में पुलिसवालों ने ठीक से व्यवहार नहीं किया। उन्होंने खुद के सेना में होने का परिचय दिया। आरोप है कि एएसआई और पुलिसकर्मियों ने कमांडो को गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया। हवालात में डालकर कपड़े उतारकर पीटा। कमांडो को जमकर जलील किया। कमांडो अभी बारामूला जम्मू कश्मीर में तैनात है। पीड़ित ने इसकी शिकायत सैनिक कल्याण मंत्री राठौड़ से की। सेना के कमांडो से मारपीट पर मंत्री इतने नाराज हुए कि थाने पहुंच गए। राठौड़ ने पुलिसवालों से कमांडो के साथ मारपीट करने पर सवाल-जवाब किए। इस दौरान पुलिस के कई वरिष्ठ अफसर भी पहुंच गए।*
*▶️गाली दी तो क्या नंगा कर पीटोगे◀️*
*मंत्री राज्यवर्धन ने मोबाइल में पीड़ित के साथ मारपीट के सबूत दिखाए। इस पर एसीपी संजय शर्मा ने तर्क दिया कि कमांडो ने पुलिसकर्मियों को गाली दी। मुझे भी गाली दी है। एसीपी से बोले-यहां नहीं खड़े रहना चाहते तो अपने दफ्तर जाइए। नाराज मंत्री राठौड़ ने एसीपी संजय शर्मा के बीच में बोलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। राज्यवर्धन ने कहा-संजय जी, जब मैं बात कर रहा हूं तो आप क्यों बोल रहे हैं? आपको तो बेसिक प्रोटोकॉल ही नहीं पता, मैं बात कर रहा हूं न। आप वहां किससे बात कर रहे हैं? उसे छोड़िए गाली तो बहुत छोटी चीज हो गई। ये तो मुझसे ही लड़ना चाहते हैं। राज्यवर्धन ने एसीपी से कहा-आपने बेसिक मैनर्स नहीं सीखे। पुलिस के अंदर वर्दी है तो अलग रौब हो गया है। कोई धैर्य, कोई पेशेंस, कुछ है? कोई जनता की सेवा मन में है या दादागिरी है? आप ऐसे लोगों को सामने क्यों रखते हो? मैंने आपको धैर्य से कॉल किया। वो तो मुझसे ही लड़ रहे हैं। उसको गाली दी या नहीं, भाड़ में जाए। आपने सेना के कमांडो को निर्वस्त्र करके डंडे मारे या नहीं मारे? राज्यवर्धन ने कहा, हम सेना में थे तो लोग हमें भी खूब गाली देते थे। राज्यवर्धन ने पुलिस अफसरों से कहा-जिसके पास ताकत होती है, उसको धैर्य की बहुत जरूरत है। धैर्य होना चाहिए। जब हम सेवा में थे। हमारे को लोग गाली गलौज नहीं करते थे क्या? हमसे भी बहुत गाली गलौज करते थे, लेकिन ध्यान नहीं देते थे। फर्क नहीं पड़ता। जिसको बोलना है, बोलने दें। हम अपना काम करते थे। आप अपना काम करते रहिए। आपको दिखाने की क्या जरूरत पड़ गई कि कौन ज्यादा ताकतवर है?*
*▶️यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है◀️*
*मंत्री राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा-कमांडो को पकड़कर पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र करके डंडों से खूब पिटाई की। फिर अपराधियों के बीच में बैठाकर पुलिसकर्मी उसे दोहराते हैं कि पुलिस भारतीय सेना की बाप है। यह अत्यंत दुख की बात है। यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है। मैं वर्दी में रहा हूं। राजस्थान पुलिस पर विश्वास है कि ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले पुलिसवालों की जांच और इलाज करवाए। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा हैं। देश की रक्षा करने वालों को वर्दी की धौंस दिखाना कायरता है।*
*▶️यह जीरो टोलरेंस में आता है◀️*
*राठौड़ ने कहा, यह सरकार के जीरो टोलरेंस में आता है। पुलिस को पॉवर देश के संविधान और सरकार ने दी है। उसके पीछे जिम्मेदारी भी है। मैंने सैनिक की मेडिकल रिपोर्ट देखी है। तस्वीरें देखी हैं। एक भारतीय सैनिक को पांच-पांच पुलिसवाले मिलकर बुरी तरह पीट रहे हैं। उसे बिना कारण मारा गया। मैंने डीजीपी और पुलिस कमिश्नर से बात की है। कार्रवाई होगी। लेकिन मुझे लगा कि एक सैनिक के साथ इतनी बड़ी घटना हुई है, तो मेरा यहां आना जरूरी था, इसलिए यहां आया।*
*▶️आरोपी पुलिस वाले लाइन हाजिर◀️*
*जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने इस मामले में एक्शन लेते हुए एएसआई व तीन कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में गहनता से निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। हालांकि पुलिस आयुक्त ने एक्शन भी दिखा दिया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी घटना के लिए आरोपी पुलिस वालों को केवल लाइन हाजिर किया गया है, जबकि उनको सीधे सस्पेंड किया जाना चाहिए। पुलिस महकमे के मुखियाओं को यह भी देखना होगा कि ऐसे कार्मिकों को फील्ड में कतई नहीं लगाया जाए। यह गनीमत है, जो सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए थाने पहुंच कर पुलिस कर्मियों की क्लास लगा दी, वरना यह मामला ठंडा पड़ जाता है और फिर खुद पुलिस अधिकारी अपने ही मातहतों के बचाव में कहानी बुन देते।*
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