अजमेर। जिला परिषद व इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा आज मेरवाडा एस्टेट में ” जैण्डर संवेदी शासन मुद्दोंÓÓ विषयक दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में महिलाओं की सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक भागीदारी एवं महिला सशक्तिकरण से सम्बद्घ विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया गया।
कार्यशाला को जिला प्रमुख श्रीमती सीमा माहेश्वरी ने संबोधित करते हुए कहा कि अब महिलाएं वंचित और अबला नही है। समाज में प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की रचनात्मक भागीदारी नजर आती है, लेकिन महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता है जिससे वो निर्भीक होकर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सामाजिक विकास में भागीदारी निभा सकें।
कार्यशाला में उपजिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रदीप मेहरोत्रा ने ”राजस्थान में जैण्डर संवेदी शासन हेतु वांछित प्रमुख मुद्देÓÓ पर संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी का अभाव नजर आता है। ग्राम सभा, वार्ड सभा, पंचायत समिति, की बैठकों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व होने के बावजूद भागीदारी गौण ही बनी हुई है, इस परिदृश्य को बदलने की आवश्यकता है। उपजिला शिक्षा अधिकारी श्री भगवती प्रसाद ने ”जैण्डर संवेदी शासन क्या, क्यों, कैसेÓÓ पर सहभागी चर्चा करते हुए पॉवर पोइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। कार्यशाला को मुख्य आयोजना अधिकारी श्रीमती बीना वर्मा एवं डॉ. सुनीता टेकचंदानी ने भी संबोधित किया।
कार्यशाला के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी आर मीना ने कहा कि जेण्डर समानता के आधार पर सभी मानव अधिकारो एवं विकास आयामों में लगातार प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है ताकि महिलाएं भी पुरूषों के समान मानव अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम बन सकें। कार्यशाला के अंत में भ्रूण हत्या विषयक मार्मिक फिल्म ”उसका आनाÓÓ को दर्शाया गया एवं उस पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर प्रधान, उपप्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, जिला परिषद सदस्य समेत कई कर्मचारी उपस्थित थे। संचालन वर्तिका शर्मा ने किया।