अजमेर। नगर निगम के मुख्य कार्यकारी श्री हरफूल सिंह यादव ने कहा कि आम नागरिक, व्यापारी, फल-सब्जी विके्रता यदि प्रण कर ले तो पॉलिथीन केरी बेग के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सकती है। पॉलिथीन के उपयोग से शहर का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, नालियों, झीलों, सडकों पर फैली गंदगी इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है।
श्री यादव अग्निशमन कार्यालय के सभागार में पॉलिथीन केरी बेग पर प्रतिबंध एवं संबंधित कानूनी पहलूओं पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान को वर्ष 2010 से कानून बनाकर पॉलिथीन केरी बेग मुक्त घोषित किया गया है। जिसके चलते दूध, सब्जी, किराणा व अन्य दुकानों पर पॉलिथीन केरी बेेग का उपयोग निषेध है एवं दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान है।
श्री यादव ने बताया कि नगर-निगम आमजन, व्यापारियों, सब्जी-फल विके्रताओं, व अन्य दुकानदारों को पॉलिथीन केरी बेग एवं पेकेजिंग मटेरियल से संबंधित कानूनी पहलूओं की जानकारी देते हुए जागरूक करना चाहती है कि प्रतिबंधित पॉलिथीन बेग का इस्तेमाल शहर के वातावरण को प्रदूषित कर रहा है, जिससे पॉलिथीन के उपयोग पर लगाम लगाई जा सके। इस संबंध में ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यायालय भी प्रसंगज्ञान लेकर समय-समय पर नगर-निगम व नगर पालिकाओं से पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने हेतु पॉलिथीन केरी बेग प्रतिबंध को लागू करने हेतु किए गए कार्यो की जानकारी लेते है, शहर के नदी-नालों, सडकों को साफ-सुथरा रखने के लिए इन कानूनों की पालना सभी नागरिकों हेतु आवश्यक है।
नगर निगम आयुक्त श्री नारायण लाल मीणा ने बताया कि पॉलिथीन के विकल्प के तौर पर कागज, कपडे व जूट से बनी थैलियों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे शहर का वातावरण स्वच्छ बना रहेगा। पॉलिथीन केरी बेग किसी भी दुकान पर रखना गैर-कानूनी है एवं दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान भी है, लेकिन दंडात्मक कार्यवाही के स्थान पर जागरूकता का ज्यादा महत्व है। आमजन, व्यापारी एवं अन्य सम्मिलित निर्णय लेकर पॉलिथीन का उपयोग ना करने में भागीदार बन सकते है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल श्री विक्रम सिंह, कनिष्ठ अधिकारी राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल किशनगढ डॉ. इति शर्मा, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, सब्जी विक्रेताओं के प्रतिनिधि एवं नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।