दिगम्बर और श्वेताम्बर जैन संतों का हुआ अनूठा मिलन

भगवान महावीर स्वामी की शिक्षाओं पर चलने के बाद भी अलग-अलग रहने वाले जैन संतों ने बुधवार को धार्मिक नगरी अजमेर में मिलन की एक अनूठी पहल की। इस ऐतिहासिक मिलन के बाद दिगम्बर और श्वेताम्बर जैन संतों ने एक ही मंच पर बैठकर प्रवचन भी दिए।
हुआ यूं कि दिगम्बर संत आचार्य वसुनंदी महाराज का बुधवार को अजमेर में मंगल प्रवेश हुआ। यहां महावीर सर्किल स्थित छोटे धड़े की नसिया पर सैकड़ों भक्तों ने वसुनंदी महाराज का स्वागत किया। अजमेर में गत तीन जुलाई से श्वेताम्बर जैन संत ललित प्रभ और चन्द्रप्रभ महाराज प्रवचन दे रहे हैं। ललित प्रभ और चन्द्र प्रभ को जब वसुनंदी महाराज के आने की खबर मिली तो दोनों संत बुधवार को महावीर सर्किल पर पहुंच गए। इस मौके पर दिगम्बर और श्वेताम्बर की विचार धारा रखने वाले हजारों श्रद्धालु भी मौजूद थे। सार्वजनिक तौर पर तीनों जैन संत एक दूसरे से गले लगकर मिले। जब ये जैन संत एक दूसरे के गले लग रहे थे, तब पूरा माहौल जयकारों से गूंज उठा। सभी ने भगवान महावीर की जय में उद्घोष किए। भले ही उपस्थित श्रद्धालु दिगम्बर और श्वेताम्बर विचार धारा को मानने वाले हो, लेकिन दोनों विचारधारा के श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। भीड़ में ये पता ही नहीं लग रहा था कि कौन श्वेताम्बर और कौन दिगम्बर समाज से है। जैन संतों की पहचान भी उनके परिधानों से ही हो सकी। इस ऐतिहासिक मिलन के बाद श्वेताम्बर संतों ने वसुनंदी महाराज से आग्रह किया कि वे उनके साथ उनके प्रवचन स्थल जवाहर रंगमंच पर चले। हालांकि पहले से कोई प्रोग्राम तय नहीं था, लेकिन जिस तरह भावपूर्ण तरीके से आग्रह किया गया कि उसे वसुनंदी महाराज टाल नहीं सके और तत्काल ही श्वेताम्बर जैन संतों के साथ पैदल ही जवाहर रंगमंच की ओर से चल दिए। जवाहर रंगमंच पर तीनों संतों ने भगवान महावीर स्वामी की शिक्षा के अनुरूप प्रवचन दिए। अपने प्रवचनों में तीनों संतों ने कहा कि जैन समाज के लोगों में किसी भी प्रकार के मतभेद नहीं होना चाहिए। जब हम संतगण एक दूसरे के गले लग सकते हैं, तो फिर समाज के लोग क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में जो बदलाव हो रहा है, उसके चलते जैन समाज को भी एकजुट होने की जरुरत है।
श्वेताम्बर जैन संत ललित प्रभ और चन्द्र प्रभ महाराज के जवाहर रंगमंच पर 9 जुलाई को अंतिम प्रवचन होंगे। इसके बाद दोनों संत बिजयनगर होते हुए भीलवाड़ा जाएंगे, जहां उनका चार्तुमास कार्यक्रम है। जबकि दिगम्बर जैन वसुनंदी मुनिराज आगामी 20 जुलाई तक अजमेर में ही रहेंगे, इसके बाद उनका जयपुर जाने का कार्यक्रम है।

(एस.पी. मित्तल) M-09829071511

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