जीवन को जीना सिखाती सिखाती है गीता ग्रन्थ

अजमेर /16 जुलाई 2015 गुरूवार को राष्ट्र संत गुरू मां चैतन्य मीरा का नीति मार्ग स्थित डाणी हाउस में विहार हुआ। श्री अमित डाणी ने बताया कि अध्यात्मक एवं योग के प्रसार में रत चैतन्य मीरा मां ने आज प्रातः 8 बजे नीति मार्ग, जयपुर रोड पर मंगल विहार किया इस अवसर पर गुरु मां ने गीता जी को सर्वोत्तम ग्रन्थ कहा जो आज के परिप्रेक्ष्य में नितान्त आवश्यक है हर व्यक्ति को गीता जी का नित्य वाचन करना चाहिय। जीने की राह तो बताता ही है साथ में पथप्रदर्शक, जीवन उपयोगी ग्रन्थ है लेकिन विडम्बना है जो ग्रन्थ जीवन के शुरूआत में आत्मसात करने का है जीवन के आरम्भ से स्वीकार करने का ग्रन्थ है उसे जीवन के अन्तिम समय में पढ़ाया जाता है या मृत्यु उपरान्त सुनाया जाता है। यह उचित नहीं इस ग्रन्थ को जन्म से अपना साथी बना लो इसका नित्य अध्ययन करोगे तो जीवन पथ से कभी भ्रमित नहीं हो सकते। गुरु मां ने योग को भी अपनाने की सलाह दी। इस अवसर पर श्री अशोक जी तोषनीवाल ने भी ‘‘लाडली इतनो तो कीजे जग जंजाल छुड़ज्ञये वास बरसाना को दिजे भजन प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम के अन्त में अमित डाणी ने सबका आभार प्रकट कर प्रसाद वितरित किया।
उमेश गर्ग
मो. 9829793705

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