अजमेर 12 जनवरी। मुर्गियों के संक्रामक रोग एवियन इन्फ्लूएन्जा (बर्ड फ्लू) के नियंत्राण रोकथाम एवं बचाव के उद्ेश्य से अजमेर संभाग के अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर और कूचामन सिटी के पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशुधन सहायकों का दो दिवसीय कार्यशाला मंगलवार को सम्पन्न हुई। अजमेर संभाग के अतिरिक्त निदेशक (क्षेत्रा) पशुपालन विभाग, डाॅ. जी.एल.मीना नेे बताया कि एवियन इन्फ्लूएन्जा एवं अन्य विदेशी और अप्रत्याशित रोंगो की तैयारी, नियंत्राण एवं रोकथाम में वैटस एवं पैरावैटस की भूमिका विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम दिवस वैट्स एवं द्वितीय दिवस पैरावैट्स हेतु कार्यशाला का आयोजन दिनांक 11.01.16 व 12.01.2016 को टोड़रमल लेन स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी विद्या भवन, अजमेर में किया गया था।
पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशुधन सहायकों की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर (राजस्थान) के डाॅ. सुनील मेहरचन्दानी बर्ड फ्लू के रोग एवं उसके विषाणु एच5एन1 के विषय के बारे में जानकारी दी तथा डाॅ. आलोक खरे ने बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा जारी की गई कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की साथ ही विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की बर्ड फ्लू के आॅपरेशन में भूमिका के विषय में विस्तार से बताया। गोविन्द वल्लभ पन्त कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर, उत्तराखण्ड़ के प्रोफेसर डाॅ. तनुज अम्बवानी ने ने बर्ड फ्लू के अतिरिक्त अन्य विदेशी व अप्रत्याशित रूप से उभरने वाले रोग जो कि मानव स्वास्थ्य एवं पशुओं के लिए खतरा सिद्ध हो रहे हैं, के बारे में विस्तार से चर्चा की। डाॅ. अशोक अरोड़ा ने बर्ड फ्लू जैसे रोग से बचाव के लिए मुर्गीपालन में जैविक सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार डाॅ. भावना दहिया ने बर्ड फ्लू रोग निदान हेतु रक्त व बीट के नमूने एकत्रा करने के बारे में बताया साथ ही पर्सनल पोटेªक्टिव इक्यूपमैन्ट को पहनना तथा बर्ड फ्लू आॅपरेशन में मुर्गियों को मारने की विधि का प्रदर्शन किया।