बाल साहित्य पर होगा विस्तृत चिन्तन

तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार 27 फरवरी से
अजमेर/ इंडियन सोसायटी ऑफ ऑथर्स तथा राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के संयुक्त तत्वावधान में अजमेर के सूचना केन्द्र में 27 से 29 फरवरी, 2016 तक आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में बाल साहित्य पर विस्तृत चिन्तन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए मुख्य संयोजक अनिल वर्मा ‘मीत‘ ने बताया कि इस सेमिनार मंे भाग लेने के लिए देशभर से विविध भाषाओं व प्रांतों के लगभग 60 प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार अजमेर आ रहे हैं। स्वागत समिति के उपाध्यक्ष सोमरत्न आर्य ने बताया कि संभागी बाल साहित्यकारों में दिल्ली आकाशवाणी के पूर्व निदेशक डॉ. लक्ष्मीशंकर बाजपेयी, कॉपीराइट के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ. सुरेश चन्द, लेखक वेद माथुर, सारिका के पूर्व संपादक व बाल कथाकार सुरेश उनियाल, लोकायत के संपादक बलरामजी, बाल वाटिका के संपादक डॉ. भैरूलाल गर्ग, नाटककार उमेश कुमार चौरसिया, तेलंगाना से मोहम्मद ख्वाजा, औरंगाबाद से सर्वेश चन्दीसवीं, भमपल्ली से अशोक मैत्रेय, नागपुर से डॉ एन एन मूर्ति सहित अजमेर के गोविन्द भारद्वाज, डॉ. पूनम पाण्डे, डॉ अनन्त भटनागर, डॉ. चेतना उपाध्याय, डॉ. हरीश गोयल इत्यादि प्रमुख हैं।
संयोजक उमेश कुमार चौरसिया के अनुसार सेमिनार में तीन दिवसों में प्रतिदिन चार विचार सत्र होंगे, जिनमें बाल साहित्य की चुनौतियां और भविष्य, भारतीय भाषाओं में बाल साहित्य, बाल साहित्य की वैश्विक सोच और भारतीय बाल सािहत्य, बच्चों के विकास में बाल साहित्य का योगदान, बाल पत्रिकाओं की स्थिति, बाल फिल्मों की स्थिति तथा बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास आदि विषयों पर विचार चर्चा होगी। बाल सािहत्य पर आलेख पत्र भी पढ़े जाएंगे तथा कविता, कहानी, नाटक आदि विधाओं की विविध भाषाओं में सर्जित रचनाओं का पठन भी किया जाएगा। बाल रचनाकार भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे तथा कई पुस्तकों का लोकार्पण भी होगा। एक सत्र विख्यात बाल साहित्यकार मनोहर वर्मा के नाम समर्पित रहेगा।

उमेश कुमार चौरसिया
संयोजक
संपर्क-9829482601

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