अजमेर जिला वार्ड पंच संघ नही देगा सरपंचों काे समर्थन

दौराई. शुक्रवार को राजस्थान सरंपच संघ के विधानसभा के घेराव का अजमेर जिला वार्डपंच संघ ने विरोध कर समर्थन देने से मना कर दिया। इससे अजमेर संभाग के सरपंचों में खलबली मच गई है। वहीं राजस्थान के सभी जिलों में इस बात की खबर फैलते ही कारण जानने के बाद कई जगह वार्डपंचों ने सरपंचों की मांगों में समर्थन नहीं देने का फैसला किया है। विगत चार माह पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से सरपंचों की मांगों को लेकर घोषणा की गई थी। जिसके आदेश प्रसारित नहीं करने के विरोध में राजस्थान के सभी जिला स्तर पर सरपंचों ने स्थानीय कलक्टर व एसडीएम को ज्ञापन सौंपे थे। नतीजा सिफर होने पर सभी सरपंचों की ओर से घोषणा की गई कि वे 1 अप्रैल को सभी उपसरपंच व वार्डपंचों सहित जयपुर स्थित विधानसभा का विरोध कर अपना विरोध जताएंगे। लेिकन अजमेर जिला वार्डपंच संघ ने विरोधी सुरों के साथ घेराव का विराेध कर दिया। वार्डपंच जिलाध्यक्ष आसिफ अली ने बताया कि सरंपचों की ओर से किए जा रहे आन्दोलन में वार्डपंचों के हित की किसी भी मांग को शामिल नहीं किया गया है। यहां तक कि पूर्व में बैठक भत्ते के मुद्दे सहित कई मांगों पर वार्डपंचों ने सरपंचों का सहयोग मांगा। लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली। आसिफ अली ने सरपंचाें पर आरोप लगाते हुए बताया कि वार्डपंचों को सरपंच सिर्फ रबड़ स्टेम्प की तरह काम में लेते है, जबकि ग्राम में विकास की हकीकत से वार्डपंच ही रुबरु कराते है। विकास कार्य नहीं होने पर जनता से सबसे ज्यादा वार्डपंचों को हो मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। प्रत्येक वार्डपंच के क्षेत्र में विकास कार्यो के दौरान वार्डपंच को किसी भी प्रकार का आय व्यय का ब्योैरा नहीं दिया जाता है।और ना हि उसे किसी भी प्रकार से विकास कार्य की प्रक्रिया में विश्वास में लिया जाता है। सरपंचों की तानाशाही व दादरशाही के चलते अजमेर जिला वार्डपंच संघ ने इस आन्दोलन में सरपंचों का साथ नहीं देने का आह्वान किया है। जिला वार्डपंच संघ अध्यक्ष आसिफ अली ने बताया कि संभाग की सभी ग्राम पंचायत स्तर पर वार्डपंचों को उनके हक, अधिकार व स्थानीय पंचायत में सम्मानजनक पद दिलाने के लिए प्रयास तेज करेगा। अली ने जल्द ही राजस्थान स्तर पर संघ का विस्तार करने की बात कही।

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