अजमेर 06 जून। ग्राम कानपुरा में आयोजित न्याय आपके द्वार 2016 में आज कैम्प के दौरान अचानक एक नेत्राहीन व्यक्ति सोभाग जाट अपने 9 वर्षीय पोते प्रहलाद के साथ हाथ पकड़कर लाठी के सहारे चलकर उपस्थित हुआ। पीठासीन अधिकारी द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए नेत्राहीन व्यक्ति की समस्या व्यथा सुनी गई उसने बताया कि ग्राम कानपुरा स्थित भूमि खाता संख्या 411 ख.न., 1814/0.26 व 1818/0.47 उसके परिवार ने 8.7.1997 को जरिए रजिस्ट्री क्रय की थी जिसमें स्थान कानपुरा अंकित थी जबकि जमाबन्दी में स्थान रामपुरा अंकित कर दिया गया। प्रार्थी की व्यथा सुनकर तहसीलदार से उक्त संबंधित समस्त रिपोर्ट ली व रिकार्ड देखा गया पाया कि रजिस्ट्री में ग्राम का नाम कानपुरा ही है किन्तु नामा से 80/31.8.1997 में पटवारी द्वारा नाम भरते समय कॉलम 9 में सा. रामपुरा कर दिया गया। जबकि नामान्तरकरण स्वीकृतकर्ता तहसीलदार नसीराबाद ने अपने निर्णय में सा देह ही दर्ज किया है। पटवारी के अपने ही ारा भरे नामान्तरकरण के आधार पर जमाबन्दी में नोट लगाए जाने से यह त्राटी हुई।
इसी प्रकार प्रार्थी के परिवार द्वारा 8.8.1997 को क्रय की गई भूमि खाता नम्बर 412 खसरा नम्बर 1601/1.04 में भी प्रार्थी के परिवार की जाति जाट ही अंकित की हुई थी किन्तु पटवारी द्वारा नामा 81/21.10.1997 भरते समय कॉलम न.ं9 में प्रार्थी के परिवार की जाति गूर्जर दर्ज कर दी गई। इसी आधार पर जमाबन्दी में अंकित करने से उक्त त्राटि हुई।
प्रार्थी द्वारा उक्त दोनों विक्रय पत्रों क आधार पर क्रय की गई भूमि में प्रार्थी के परिवार का ग्राम व जाति दोनों ही गलत अंकित हो गई। रिकार्ड में उक्त दोनें त्राटियों की वजह से प्रार्थी पिछले लगभग 20-21 वर्ष से परेशान चल रहा था किन्तु उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
कैम्प में ही उक्त दोनो त्राटियों को सुधार के लिए प्रार्थी के खाता दुरूरित आवेदन पत्रा भरवाकर पटवारी, भू अ.नि./तहसीलदार से रिपोर्ट लेकर दोनों ही त्राटियों को दुरूस्त किया गया व मौके पर ही नामान्तरकरण स्वीकृत किया गया। कैम्प में उपस्थित श्रीमती सुनीता रावत प्रधान पंचायत समिति श्रीनगर के हाथों से प्रार्थी को जमाबन्दी की प्रति प्रदान करवायी गई।
इस प्रकार एक नेत्राहीन व्यक्ति जो पिछले 20-21 सालों से राजस्व विभाग द्वारा की गई त्राटि की सजा भुगत रहा था को आज अचानक तुरन्त ही न्याय मिल गया, जिसके लिए उसने आभार व्यक्त किया तथा बताया कि उसे स्वप्न में भी ऐसी उम्मीद नही थी कि उसकी समस्या का आज अन्त हो जाएगा। उसने पीठासीन अधिकारी को तहे दिल से धन्यवाद दिया व राज्य सरकार के कार्यक्रम की सराहना की।