स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान पखवाड़ा 30 जनवरी से

अजमेर, 28 जनवरी। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कुष्ठ दिवस 30 जनवरी से स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान पखवाड़ा 13 फरवरी तक मनाया जाएगा।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि कुष्ठ रोग एक मामूली बीमारी है। यह लेप्रा बेसिली नामक जीवाणु से पैदा होती है। यह कोई छूआछूत से फैलने वाला अथवा आनुवांशिक रोग नहीं है। इसकी जांच व ईलाज समस्त राजकीय अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त उपलब्घ है। कुष्ठ रोग की शुरूआत में ही पहचान हो जाने से पूर्ण उपचार संभव है और शारीरिक विकलांगता से बचा जा सकता है। कुष्ठ रोग के लिए निर्धारित दवाओं का 6 से 12 माह तक सेवन करने से इसका ईलाज संभव है।
उन्होंने बताया कि चमड़ी पर त्वचा के रंग से फीका, एक या एक अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन, सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर, चेहरे पर, भौहों के उपर, कानों के उपर सूजन-गॅठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पड़े तो कुष्ठ रोग हो सकता है। हाथ पैर में सुन्नता, सूखापन एवं कमजोरी होने पर भी कुष्ठ की जांच करवाए। एमडीटी कुष्ठ निवारक औषधी कुष्ठ की शर्तिया दवा है, जो सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है।
उन्होंने आग्रह किया कि अगर हमारे पड़ोस के किसी व्यक्ति को इस तरह के दाग धब्बे हो तो आशा,आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, डाक्टर से सम्पर्क कर उसकी जांच करवाए। यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग से पीड़ित है, तो उसके साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करें एवं जहां तक हो सके उसकी हर प्रकार से सहायता करें।

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