चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017-18 के अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अतंर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का उद्घाटन आज डी डी सी सुनील कुमार यादव (आई ए एस) ने राजेन्द्र नगर भवन(टाउन हॉल) में की।
इस समारोह में गांधी पेनोरमा फ़िल्म महोत्सव के जेनेरल मैनेजर प्रमोद कुमार दुबे,विमल तिवारी,आनंदी कुमार, एडमिन पियूष मधुकर, सिप्पु कुमार सिन्हा,पी आर ओ सर्वेश कश्यप आदि लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम के विधिवत शुरूआत के बाद अपने संबोधन में डी डी सी सुनील कुमार यादव (आई ए एस) ने कहा कि आज के समय में जब विश्व हिंसा के एक मुखर दौर से गुजर रहा है। जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित हो रही है, वहीं गांधी के विचार और भी प्रासंगिक हो गए हैं। श्री प्रसाद ने पूरे कार्यक्रम की रूप रेखा पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी के अवसर पर सरकार प्रयासरत है कि गांधी जी के विचार लोगों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार ने फिल्मों के द्वारा गांधी जी के विचारों के प्रसार कार्य करने का निश्चय किया है। इसी तरह जहां – जहां गांधी जी गये और उनसे जुड़े स्थलों को जनमानस को जोड़कर गांधी जी के विचारों के प्रसार के लिए विरासत यात्रा का आयोजन बिहार विरासत विकास समिति के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का मुख्य मकसद गांधी जी के विचारों को आम लोगों तक पहुंचाना है। विशेषकर युवाओं को इससे जोड़ना है।
उन्होंने आगे कहा कि यह फेस्टिवल पटना में 3 से 5 मई तक आयोजित हो रहा है। इसमें Indian Infotainment Media Corporation (IIMC) मुख्य सहयोगी की भूमिका है। गांधी पेनोरमा फिल्म महोत्सव मोतिहारी (03 मई से 05 मई )बेतिया (07 मई से 09मई), गया (11 मई से13 मई) और हाजीपुर (15 मई से 17 मई) भी आयोजित की जाएगी। इस दौरान कुल 12फिल्में दिखाई जाएंगी,जिनमें शॉर्ट फिल्म,डॉक्यूमेंट्री फिल्म और फीचर फिल्म दिखाई जाएगीं। वे फिल्में हैं – राष्ट्रपित महात्मा गांधी पर आधारित फिल्म‘गांधी माई फादर’, ‘बापू ने कहा था’, ‘रोड टू गांधी’, ‘क्षमा’, ‘फीचर फिल्म – मेकिंग ऑफ महात्मा गांधी’, ‘फीचर फिल्म – लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘फीचर फिल्म –मैंने बापू को नहीं मारा’, ‘सेवाग्राम’, ‘महात्मा गांधी’, ‘साबरमती आश्रम’, ‘फीचर फिल्म– रोड टू संगम’ और‘विल महात्मा बोर्न अगेन’।
प्रथम दिन “क्षमा”,बापू ने कहा था” और ‘ ए रोड टू गांधी’ का प्रदर्शन ।
गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव के अवसर पर आज अधिवेशन भवन में एक शॉर्ट फिल्म ‘क्षमा’ ,”बापू ने कहा था” और ‘ ए रोड टू गांधी’ का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रथम दर्शक के रूप में खुद माननीय जिलाधिकारी अनुपम कुमार, विभाग के मंत्री श्री शिवचंद्र राम समेत अन्य पदाधिकारी व गणमान्य व्यक्तियों ने फिल्म देखी। जहां पहली दिखाई गई फिल्म क्षमा में गांधी जी के बचपन की कहानी है, जिसमें वे बड़े भाई को कर्ज से बचाने के लिए चोरी करते हैं। मगर यह चोरी उन्हें परेशान कर देती है और बाद में वे अपना गुनाह कबूलते हैं। फिर जा कर पिता को बता देते हैं, जहां उनके पिता मोहन दास की ईमानदारी देख उन्हें क्षमा कर देते हैं। 11 मिनट की इस फिल्म में गांधी जी की सत्य और अंहिंसा की राह पर चलने की शुरूआत को दिखाया गया है।दूसरी व तीसरी फिल्म ‘बापू ने कहा था’। 80 मिनट की यह फिल्म सन 1950 के दशक में बनी थी, जो बच्चों पर आधारित है। फिल्म में मोरारजी देसाई बच्चों को बापू के बचपन की प्ररेक कहानियां सुनाते हैं, जिसे इस फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है।
आज की तिसरी फिल्म थी – ‘अ रोड टू गांधी’। यह फिल्म एक इंटरव्यू के शक्ल में डॉक्यूमेंट्री है। इसमें गांधी जी के एक जर्मन अनुयायी हर्बर्ट फीचर बताते हैं कि कैसे वे नाजी तानाशाह हिटलर की जर्मनी से कठिनाईयों का सामना करते हुए गांधी जी से मिलने भारत आये थे। इस दौरान वे कई सालों तक उनके साथ भी रहे थे। यहां तक हर्बर्ट की शादी गांधी जी के आश्रम में ही हुई थी और बाद में वे भारत के पहले जर्मन राजदूत भी बने। अन्य शार्ट फ़िल्म और वृत्त चित्र के प्रदर्शन