दृष्टि दोष

हेमंत उपाध्याय
हेमंत उपाध्याय
दो दोस्त जंगल मे शिकार करने गए । एक ने कहा -अपन तो लकी हैं । जंगल में आते से बडा शिकार खूद अपनी ओर आ रहा है। शायद जंगली मुर्गा है । थोड़ा और पास आने पर एक ने कहा – यह मुर्गा नहीं बकरा है ।चलो यहां भी खाएंगें और घर भी ले जावेंंगे।इसी बीच और पास आने पर दोनों चिल्लाए भागो-भागो ये तो शेर है। ये तो अपने को भी खाएगा और घर भी ले जाएगा। अपने को लोग सही कहते थे तो मानते नहीं थे कि तुम्हे दृष्टि दोष है । तुम्हारे पास दूर दृष्टि नहीं है । अब समझ आया कि बडे बुजुर्ग सही कहते थे। बडे बुजुर्गों का कहा मान लेना चाहिए। आज बच गए तो भविष्य में बडे बुजुर्गों का कहना जरूर मानेंगे ।

हेमंत उपाध्याय ,गणगौर साधना केंद्र, साहित्य कुटिर पं. राम नारायणजी उपाध्याय. वार्ड खंडवा। 7999749125 9424949839 [email protected]

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