अजमेर। निर्वाचन विभाग ने एक आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। राजनीतिक देलों द्वारा आयोजित रैलियों व आम सभाओं में केवल वे कर्मचारी उपस्थित रहे सकते हैं, जिन्हें इन सभा व रैलियों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी दी जाती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) श्री वैभव गालरिया ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 तथा धारा 134 क के तहत विहित सरकारी कर्मचारियों पर यह प्रतिबंध लागू होंगे। राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के कर्मचारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे चुनाव के समय निष्पक्ष रहें एवं किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लें। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जिससे निर्वाचनों के संचालन व प्रबन्धन से संबंधित किसी कर्तव्य पर नियुक्त किया जाता है। तो वह व्यक्ति या कार्मिक अपना मत देने के अलावा ऐसा कोई काम नहीं करेगा जो किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन की सम्भाव्यताओं को अग्रसर करता हो। इस प्रावधान का उल्लंधन निर्वाचन अपराध माना जाएगा। इसमें छ: महीने तक कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। यह प्रावधान सभी सरकारी कर्मचारियों एवं उपक्रमों के कर्मचारियों पर लागू होता है। इसी प्रकार धारा 134 क के अनुसार यदि सरकार की सेवा में रहते हुए कोई व्यक्ति निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन अभिकर्ता या मतदान अभिकर्ता या गणन अभिकर्ता के रूप में काम करता तो उसे तीन माह के कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।