क्या टोल टैक्स के नाम पर
जनता की जेब काटना सही है?
जब गाड़ी खरीदते वक़्त हम इनकम टैक्स,
रोड टैक्स, सर्विस टैक्स और
आदि टैक्स देते है और हर साल टैक्स
भी भरते है तो फिर ये टोल टैक्स क्यो ?
पहले टैक्स दो ताकि देश उन्नति करे
और उसके बाद उस रोड पर जाने का टैक्स भी दो।
क्या टोल टैक्स के नाम पर
जनता की जेब काटना सही है?
और अगर टोल टेक्स सही है तो फिर जब लागत पूरी हो जाने के बाद भी ये जारी क्यो ?
क्यो टोल का समय पूरा हो जाने के बावजूद भी वसूली जारी रहती है ?
सीएम, पीएम, जज, कलेक्टर, विधानसभा अध्यक्ष और कई
प्रकार के वी आई पी को टोल टैक्स में छूट क्यों ?
मेरे हिसाब से मुद्दा एकदम सही है
पर राजठाकरे की पार्टी का तरीका गलत एवम अराजक है ,
क्या आप मेरी इस बात से सहमत है ?
SUNIL DARDA
absolutely right!