क्या ऐसा करने से बाल विवाह को रोका जा सक्ता है ?

bal vivahराजस्थान में एक फरमान लागू होने वाला है कि बाल विवाह मे जो लोग शरीक होँगे उनके ऊपर एक लाख रूपये का जुर्माना या 2 साल की सजा का प्रावधान होगा ? आप इससे कितने सहमत हैं – दोस्तों क्या ऐसा करने से बाल विवाह को रोका जा सक्ता है ? अभी तक राजस्थान मे नई सरक़ार ने जो नियम बनाये वो राजस्थान की आम जनता को पाबंद करने के लिये बनते नजर आ रहे हैं ! मेरे एक बात समझ नही आ रही है कि यदि सारे काम जनता को ही करने हैं तो हमे नेताओं की क्या जरुरत है ? सरकार राज्य मे बाल विवाह को रोकने ,अवैध खनन रोकने , सरकारी कार्यालयों मे हो रहे भ्र्ष्टाचार , ओर जनता से जुड़े हर मुद्दे के लिये सरक़ार कोई ना क़ोई कमेटी या क़ानून बनाती है , लेकिन आज तक सिर्फ़ जनता ही परेशान होती आयी है, ओर जीतने विभाग बनाये गये कभी किसी सरकारी कर्मचारी पर कार्यवाही नही होती क्यो ? नगर निगम एक ऐसा विभाग है जो शहर को सुन्दर बंनाने व रख-रखाव का काम करता है लेकिन आप किसी भी शहर के नगर निगम कार्यालय मे जाएँ आम जनता कि कोइ कर्मचारी नही सुनता कितनी भी इनके खिलाफ़ शिकायत करो कोई नेता ना तो इन सरकारी कर्मचारियोँ पर कार्य नही करने पर कार्यवाही करवाता है ! फिर यह सब कानून बनाने से या कमेटी बनाने से क्या फायदा ? उलटा सरकार को इन सब से हजारोँ करोड़ रूपये का नुकसान होता है ? इस ही प्रकार मिलावटी समान बेचना कानूनन जुर्म है हम जानते है लेकिन देश मे सबसे ज्यादा मिलावटी सामान खाद्य उपयोग कि वस्तु होती है जबकि इसके लिये एक अलग से विभाग बनाया हुआ है फ़िर भि हर जगहा पर आपको मिलावटी सामान खुले आम मिलता है ! किसी भी शहर मे आप चले जाएँ सबसे ज्यादा खुले आम डेयरी उत्पाद , मीठाई , खाद्य पदार्थ मे मिलावट मिल जायेगी लेकिन इससे संभंधित विभाग के कर्मचारी सुबहा 11 बजे तक ऑफिस आते हैं दिन भर ऑफिस मे चाय पीते है एसी मे बैठते है ओर शाम को घर चले जाते हैं ! इन अफसरों को कोइ कहने वाला नही ? इस ही प्रकार दिन भर लोग कचोड़ी समोसा खाते हैँ दुकानदार घटीया तेल ,मसाले काम मे लेता है ओर 5 रूपये की चीज के 15 रूपये वसूलता है ! विभाग इन पर कार्यवाही नही करता ? बहुत सारी कमेटी सरकार बनतीं है लेकिन अफसर दिनभर मस्त रेहते है ओर जनतां बिचारी अपने रोजग़ार ओर परिवार को चलाने मे व्यस्त रहती है ! एक और महत्व पूर्ण बात कि जब प्याज के भाव बढ़ते हैं तो पुरा देश महंगाईं -महंगाई चिल्ला रहा होता है लेकिन दोस्तों आज अदरक 200/- रूपये किलो बिक रही है कभी किसी नेता ने कहा कि इतनी महंगी क्यों है ? गन्ने का रस 15 से बीस रूपये में दुकानदार कभी किसी ने आवाज़ नहि उठाई ! स्कूल में फीस बड़ा दि गयी लेकिन कमिटी अभी तक किसी स्कूल पर कार्यवाही नही कर पायी ? छोटी छोटी बातें हैं जो आम जनता को परेशान करती हैं लेकिन हमारे नेता न जाने किस मानसिक्ता के हैं जो आम जनता के लिये काम ही नही करना चाहते ! दुःख है ?हम किस देश मे रह रहे हैं मे आपसी पूंछना चाहता हु कि क्या यह व्यवस्था कभी बदल सकेगी ?
-देवेन्द्र सक्सेना

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