-बाबूलाल नागा- पिछले दस साल के आंकड़े दिखाते हैं कि राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों मंे लगातार अधिक संख्या में आपराधिक उम्मीदवार उतारे हैं। 2009 के आम चुनाव के मुकाबले इस बार देशभर में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का काफी बोलबाला रहा है। वर्तमान आम चुनाव में किस्मत आजमा रहे 1398 यानी करीब 17 फीसदी उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं इनमें से 57 उम्मीदवारों पर तो हत्या के मामले दर्ज हैं। कुल 889 प्रत्याशियों (11 प्रतिशत) पर गंभीर किस्म के आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इस बार पूरे देश में सभी 543 लोकसभा सीटों पर 8230 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं। नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस (एडीआर) की ओर से इनमें 8163 उम्मीदवारों का विश्लेषण करके यह खुलासा किया है। 2009 के आम चुनाव के मुकाबले इस बार दो फीसदी अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार चुनावी मैदान में है।

विश्लेषण अनुसार 2014 के आम चुनाव में 889 यानी 11 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण जैसे मामले हैं। 2009 में 608 यानी आठ प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज थे। इस बार के आम चुनावों में खड़े हुए 57 उम्मीदवारों पर हत्या के मामले दर्ज हैं। इनमें 12 उम्मीदवार बसपा, चार-चार उम्मीदवार राजद और जद(यू) और एक-एक उम्मीदवार कांग्रेस, आप, एआईटीसी और सीपीआई (एम) पार्टी से हैं। 12 निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर हत्या के मामले दर्ज है। 173 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या करने का प्रयास जैसे मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक 19 उम्मीदवार बसपा पार्टी से हैं। 58 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ,40 पर अपहरण करने, 57 पर डैकती करने जैसे आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आम चुनाव में आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को उतारने की राजनीतिक पार्टियों की प्रवृत्ति में कोई कमी नहीं आई है। कांग्रेस पार्टी ने 462 उम्मीदवारों में से 128 यानी 28 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उतारे हैं। इसी तरह भाजपा के 426 उम्मीदवारों में से 140 यानी 33 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आप पार्टी के 427 उम्मीदवारों में से 65 यानी 15 प्रतिशत, बसपा के 501 उम्मीदवारों में से 114 यानी 23 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। एनसीपी के 15 प्रतिशत व सपा के 51 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। 3182 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 307 ने अपने शपथ पत्रों में उनके खिलाफ कोई न कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी है। देश में आम चुनाव नौ चरणों में पूरे हुए हैं। 6 लोकसभा सीटों के लिए पहले चरण के चुनाव 7 अप्रैल को हुए। पहले चरण के 9 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे चरण में 7 सीटों के लिए 9 अप्रैल को चुनाव हुए। इस चरण के 3 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे चरण में चुनाव 10 अप्रैल को हुए। कुल 91 सीटों पर खड़े हुए 1419 उम्मीदवारों में 1395 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया। इनमें से 19 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। 12 अप्रैल को चौथे चरण के चुनाव में 12 प्रतिशत, 17 व 24 अप्रैल को हुए पांचवंे व छठे चुनाव में क्रमशः 16-16 प्रतिशत, 30 अप्रैल को हुए सातवंे चरण में चुनाव में 17 प्रतिशत व 7 व 12 मई को हुए आठवें व नौवें चरण के चुनाव में क्रमशः 20-20 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 16वीं लोकसभा में देशभर में कुल 2208 यानी 27 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा हैं। वर्ष 2009 के आम चुनावों में 16 प्रतिशत उम्मीदवार ही करोड़पति थे। पिछले पांच वर्षोंे में करोड़पति उम्मीदवारों में 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। राजनीतिक पार्टियों अनुसार विश्लेषण करें तो सबसे अधिक 79 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी के हैं। भाजपा के 73 प्रतिशत, आप पार्टी के 45 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। बसपा पार्टी से भी 11 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। 3182 निर्दलीय करोड़पति उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे।
(लेखक विविधा फीचर्स के संपादक हैं) संपर्कः- 335, महावीर नगर प्प्, महारानी फार्म, दुर्गापुरा, जयपुर मोबाइल नंबर- 9829165513