आया राखी का त्योहार

पंडित दयानन्द शास्त्री
पंडित दयानन्द शास्त्री

आया राखी का त्योहार,

भाई-बहनों का प्यार.
कैसे आज ये मिलने लगे ।
बहना राखी बांधे आज,
भाई देता आशिर्वाद,
खुशी आखों से तो झरने लगे ॥
 
बहनें खिलाती पकवान,
दुआ मांगती भगवान,
मेरी ऊमर भी भइया को लगे ।
चाहे रहें कहीं दूर,
उनको भइया पे गुरुर,
वो तो लाखों मे एक लगे ॥
 
उनका भाई सुरज जैसा,
जग मे कोई नही वैसा,
वो तो भाइयों पे नाज करे ।
उनको इतना है अहसास,
भइया बचायेंगे लाज,
जब भी उनपे कोई बिपदा पड़े ॥
 
भाई रखते मन मे इच्छा,
हम करेंगे तेरी रक्षा,
कभी कोई आंच न तुझपे आये ।
कभी होना ना उदास,
हम रहेंगे तेरे पास,
कभी तेरी लाज न जाने पाये ॥
 
आया राखी का त्योहार,
भाई-बहनों का प्यार.
कैसे आज ये मिलने लगे ।
बहना राखी बांधे आज,
भाई देता आशिर्वाद,
खुशी आखों से तो झरने लगे ॥
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री.(ज्योतिष वास्तु सलाहकार )
मोब. – 09024390067 एवं 09669290067 
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