
मूल: सुमीता केशवा
1. इश्क़ में
कहते हैं इश्क़ में दुनिया की हर शै
खूबसूरत नज़र आती है
कौन कहता है कि इश्क़ में
इन्सान अंधा हो जाता है?
2. उगने दो मुझे
उगने दो मुझे
बंजर नहीं हूँ मैं
प्यार से सींचो तो सही!
Sunitakeshawa@yahoo.com

सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी
1. इश्क़ में
चवन्दा आहिन इश्क़ में दुनिया जी हर शै
खूबसूरत नज़र ईन्दी आहे
केरु थो चवे त इश्क़ में
इन्सान अन्धो थी वेंदो आहे ?
2. उसरण ड्यो मूंखे
उसरण ड्यो मूंखे
माँ वीरान नाहियाँ
प्यार सां आबपाशी त करियो!
पता: ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358