
राजस्थान में मोदी लहर पर सवार होकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई वसुंधरा राजे सरकार को एक साल से भी अधिक का समय हो गया है । लेकिन जिस प्रकार का शासन राजस्थान में चल रहा है वो सुराज संकल्प यात्रा के दोरान बढ़ चढ़कर किये गये विकास और रोजगार के दावों से दूर दूर तक मेल नही खाता है ।
विकास लापता है तो रोजगार के लिए युवा दर दर भटक रहा है ।
किसान को यूरिया नही तो युवाओं को रोजगार की तलाश आमजन विकास के लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज नही करा रहे क्यूंकि उन्हें उम्मीद है दिल्ली में बैठे विकास के पापा सब ठीक कर देंगे ।
कर्मचारियों को गुंजल प्रवचनों द्वारा उपदेश दिया जा रहा है तो किसानो को यूरिया की जगह लाठिया दी जा रही है ।
कानून व्यवस्था इतनी मजबूत है की पुरे प्रदेश मेंलुटेरे बेखौफ होकर ATM लुट रहे है तो पाली में खुले आम व्यापारी को गोलिया मारी जा रही है कोटा में रुद्राक्ष अपहरण काण्ड तो राजसमन्द जिले में महिला को निर्वस्त्र कर गाव में घुमाने की घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी हो ।
जयपुर में दिन दहाड़े डकेती और लुट की दिल दहला देने वाली घटनाओं और दुष्कर्म की घटनाओं में तीव्र गति से बढ़ोतरी के साथ राजस्थान देश में बलात्कार के मामले में टॉप तीन राज्यों में शामिल हो गया है ।
किसानो को यूरिया मांगने पर लाठिया बरसा कर जिस क्रूरता का परिचय राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है वो भी द्रश्य पूरा देश देख रहा है । थानों में खाद बाटी जा रही है । अब जिस राज्य के थानेदारो को यूरिया बांटने और भोले भाले किसानो पर लाठिया भांजने में लगा दिया गया हो वहा कानून व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त कैसे रहा सकती है ?
बारां में कुपोषण से हुई सहरिया आदिवासियों की मौते होना भी राज्य पर एक कलंक ही था ।
युवाओ से वादा किया था 15 लाख नौकरिया का 15 नौकरिया देना तो दूर हजारो विद्यार्थी मित्रो और ठेके पर लगे युवाओं की रोजी रोटी छीन ली गई है और हक़ मांगने पर लाठिया भांजी जा रही है ।
एक साल से भी ज्यादा समय हो गया शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित नही किया जा सका ।
आमजन से विकास का बढ़ चढ़कर वादा कर सता में आई और विकास कही ढूंढे नही मिल रहा है ।
अब इन सब समस्याओ के बावजूद कौन करेगा इन समस्याओं का समाधान ये प्रश्न आज प्रदेश के हर नागरिक की जुबान पर है ।
क्या इन समस्याओं का समाधान वसुंधरा राजे करेगी ?
लेकिन क्यूँ पूरा करे वसुंधरा सुराज संकल्प जब राजस्थान में सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा हो सरकार की नजर में ।
यह में इसलिए कह रहा हु क्यूंकि लोकतंत्र में हार जीत ही पैमाना होता है और उस पैमाने पर जब सरकार खरी उतर रही है तो फिर सुराज देने की जरुरत ही क्या है ।
जैसा की सर्वविदित है कीएक साल के सुस्त शासन के बावजूद अभी अभी हुए नगर निगम और नगर निकाय चुनावों में जिस प्रकार का प्रचंड बहुमत बीजेपी को मिला है उसके बाद सरकार के पास अपनी पीठ थपथपाने का मौका मिल गया है ।
जब आमजन बिना विकास के किसान लाठिया खाकर युवा बिना रोजगार के और कर्मचारी गुंजल प्रवचन सुन कर भी सरकार को भरपूर समर्थन दे रहा है और जीत ही महत्वपूर्ण है लोकतंत्र में जो सत्ताधारी दल को लगातार मिल रही है ।
इसलिए ये सवाल खडा होता है की क्यूँ पूरा करे सुराज संकल्प ।
@gopalvijayvargiya