पंचायत चुनाव ने दिया सीएम साहिब को झटका

vasundhara 20राजस्थान की 295 पंचायत समितियों में से कांग्रेस को करीब 115 में जीत मिल रही है। इसी प्रकार 33 जिला परिषदों में से कांग्रेस का 10 कब्जा हो ही जाएगा। पंचायत चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली है। कांग्रेस की सफलता ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जोरदार राजनीतिक झटका दिया है। पहले विधानसभा फिर लोकसभा और हाल ही में 46 स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनावों में भाजपा को जो सफलता मिली, उससे भाजपा का घमंड सातवें आसमान पर था। इस एक वर्ष की अवधि में जब-जब लोगों ने जन समस्या को उजागर किया तो सीएम साहिबा ने लोगों की जुबान पर हथोड़ा मार दिया। सीएम साहिबा ने बार-बार अपने ही अंदाज में कहा की यदि मेरी सरकार ने काम नहीं किया है तो फिर मतदाता हमें वोट क्यों दे रहा है? मतदाता हर चुनाव में भाजपा को जीता रहा है, इसलिए साफ जाहिर है कि सरकार के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। सीएम साहिबा के इस तर्क का विपक्ष के पास भी कोई जवाब नहीं था, क्योंकि लोकतंत्र में सफलता का पैमाना चुनाव में जीत ही होता है। लेकिन 5 फरवरी को हमारे सामने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव परिणाम आ गए हैं। परिणाम बताते हैं कि भाजपा की जीत का ग्राफ गिर गया है। क्या अब यह कहा जाए कि प्रदेश के मतदाताओं की सीएम साहिबा की सरकार के खिलाफ नाराजगी हो गई है? राजनीति के जानकार भी मानते हैं जो कांग्रेस विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई थी,उसने इस एक वर्ष की अवधि में ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिसकी वजह से प्रदेश का मतदाता कांग्रेस को वोट दे, लेकिन इसके बावजूद भी पंचायत चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली। इसका एक कारण यही है कि सीएम साहिबा की सरकार से प्रदेश के मतदाताओं का मोह भंग हो रहा है। इस चुनाव में शिक्षा की अनिवार्यता का जो नियम लागू किया वह भी उल्टा पड़ा। पूर्ववर्ती कांग्रेस की गहलोत सरकार ने ग्रामीणों के लिए जो योजना लागू की उनको भी समीक्षा के नाम पर सीएम साहिबा ने लटकाए रखा। यहां सिर्फ दुग्ध उत्पादकों को मिलने वाले अनुदान का उदाहरण दिया जा रहा है। दुग्ध उत्पादकों को गहलोत सरकार ने 2 रुपए प्रति लीटर अनुदान दिया, लेकिन सीएम साहिबा ने इस अनुदान को बंद कर दिया। सब जानते हैं कि गांव में पशुपालकों की स्थिति कैसी है। सीएम साहिबा बार-बार ग्रामीणों की समस्याओं पर चिंता तो जताती रही, लेकिन समाधान नहीं किया। सवाल यह नहीं है कि कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को ज्यादा सफलता मिली है। सवाल यह है कि जब विधानसभा चुनाव में 200 में से 163, लोकसभा चुनाव में 25 की 25 सीट जीती थी तो फिर पंचायत चुनाव में भाजपा 10 जिला परिषद और 115 पंचायत समितियों में चुनाव क्यों हार गई? चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने बड़ा हास्यास्पद बयान दिया। परनामी ने कहा कि भाजपा को अब तक शहर की पार्टी ही माना जाता था, लेकिन पंचायत के इन चुनावों ने भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों की भी पार्टी बना दिया है। क्या विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भाजपा को सिर्फ शहरी मतदाताओं ने वोट दिया? असल में परनामी सीएम साहिबा की हार को स्वीकार करने से बच रहे हैं। परनामी को स्वयं को भी आभास है कि वो नाममात्र के प्रदेश अध्यक्ष हैं। हार पर भजपा के सांसद और प्रदेश के पूर्व डीजी हरीश मीणा ने सच्चाई वाला बयान दिया। मीणा ने हार को स्वीकार करते हुए कहा कि वह पता लगाए कि इस बार पंचायत चुनाव में भाजपा क्यों हारी? मीणा का यह बयान बिलकुल सही है, क्योंकि भाजपा की यह जीत विधानसभा और लोकसभा के परिणाम के सामने कोई मायने नहीं रखता है। भाजपा और सीएम साहिबा को अभी भी सच्चाई से मुंह मोडऩे की बजाए लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए। यदि भाजपा और सीएम साहिबा ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो बिना कुछ किए कांग्रेस चार साल बाद फिर से सत्ता में आ जाएगी। भाजपा को पंचायत चुनाव के परिणाम से सबक लेना चाहिए।
अब चलेगा सत्ता का चक्र
प्रदेश की जिन जिला परिषद और पंचायत समितियों में कांगे्रस को बहुमत मिला हैं, उनमें यह जरूरी नहीं की कांग्रेस का जिला प्रमुख और प्रधान ही चुना जाए चूंकि प्रदेश में सीएम साहिबा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार चल रही है। इसलिए कांग्रेस के बहुमत वाले जिला परिषद और पंचायत समितियों में भाजपा के उम्मीदवार विजयी होंगे। इस जोड़तोड़ की आशंका कांग्रेस को पहले से ही है। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक दिन पहले ही कहा है कि कांग्रेस टिकट पर जीतने वाले, यदि भाजपा का समर्थन करेंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिन नेताओं की सिफारिश पर ऐसे व्यक्ति को टिकट मिला, उन नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही होगी। हालांकि पायलट पूरा जोर लगा रहे हैं कि कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा के पाले में न जाए, लेकिन सत्ता के चक्र के आगे पायलट कमजोर ही रहेंगे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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