भाजपाइयों को आत्ममंथन करना चाहिये

rajendra guptaदिल्ली चुनाव परिणामों के संदेश के निहितार्थ में सोशल मीडिया पर जैसी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली, वे जनमत की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। याद करें उन दिनों को जब कपिल सिब्बल सहित अन्य कांग्रेसी कहा करते थे धरने करना कौनसी बड़ी बात है, चुनाव जीत कर दिखाओ, जब उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर भाजपा के जबड़े में जाती दिल्ली की सत्ता को भी छीन लिया तो इसी भाजपा का वर्गचरित्र अपने ओछेपन पर उतर आया। दिल्ली की सत्ता अपने सिद्धांतों से केजरीवाल ने कुर्बान कर दी तो उसे भगोड़ा कहा गया। आज कोई चपरासी की सरकारी नौकरी तक नहीं छोड़ सकता, वे सत्ता छोड़ गए तो इसे पलायन कहा गया। बनारस में केजरीवाल के हार जाने पर मोदीजी द्वारा उसे गंगा में डुबो देने के कार्टून देश भर में प्रसारित कर उसकी खिल्ली उड़ाई गई। अब सत्ता के अहंकारियों पर चुटकी ली जा रही है तो इसे भी सबक के रूप में लेकर भाजपाइयों को आत्ममंथन करना चाहिये। भाजपा को भी अपनी गलतियां सुधार कर भारतीय राजनीति की गंदगी दूर करने आगे आना चाहिए। हाँ, इतना अवश्य हो कि सोशल मीडिया पर किये जाने वाले व्यंग्य शालीन व समाज की दिशा दिखाने वाले होने चाहिए। उनमें ओछापन नहीं होना चाहिए।
राजेंद्र गुप्ता,
मुख्य उप संपादक,
राजस्थान पत्रिका, अजमेर।
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