
अजमेर नगर निगम में लेंड व्यूज चेंज के मामलों में जो घोटाला हुआ था उसको लेकर मैंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक खुला पत्र लिखा था। इस पत्र को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया गया। मेरा यह खुला पत्र सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हुआ। इस पत्र में बताया गया था कि भू-उपयोग परिवर्तन का जो निर्णय कांग्रेस के शासन में हुआ था उसकी क्रियान्विती भाजपा के शासन में हुई, जबकि तत्कालीन सीईओ हरफूल सिंह यादव ने सभी निर्णयों पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई थी। सोशल मीडिया को ही दबाव रहा कि राज्य सरकार को उन सभी 28 मामलों की जांच करवानी पड़ रही है जिन पर 4 अक्टूबर 2013 को निर्णय हुआ था। सरकार के निर्देश मिलने के बाद नगर निगम की कार्यवाहक सीईओ सीमा शर्मा ने जांच का काम शुरू कर दिया है। श्रीमती शर्मा बैठक वैधानिकता पर भी अपनी रिपोर्ट देगी साथ ही सभी 28 प्रकरणों में मौके पर जाकर यह देखेंगी कि लेंड व्यूज चेंज करने का निर्णय नियमों के अनुरूप है या नहीं। सरकार के इस निर्णय से उन कारोबारियों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने कांग्रेस के शासन में निर्णय करवाया था। यदि सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर दबाव बना रहा तो सभी मामले रद्द भी हो सकते है। फिलहाल सरकार ने जो निर्णय लिया है वह प्रशंसनीय है।
मंत्री की लाचारी :
प्रदेश के पर्यावरण और खान मंत्री राजकुमार रीणवा 13 अप्रैल को अजमेर आए। रीणवा ने यहां जैन संत वर्धमान सागर से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर रीणवा ने पत्रकारों के समक्ष यह स्वीकार किया कि खनन माफिया वसुंधरा राजे की सरकार से भी शक्तिशाली है। खनन माफिया को दबाने के लिए बीएसएफ और सीआरपीएफ जैसे अद्र्धसैनिक बलों की जरूरत है। मंत्री का यह बयान दर्शाता है कि खनन माफिया के सामने सरकार लाचार है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511