ओम माथुरसमाज सेवा करने वाले लोगों आग्रह है। गरीबों,वृद्धों,असहायों को भोजन कराने,प्यासों को पानी पिलाने या गायों को चारा खिलाने जैसे कामों का श्रेय लेने से तो बचिए। आजकल फैशन हो गया है,अनाथ आश्रमों,वृद्धाश्रमों या बाल गृहों में भोजन कराने जाने वाले या सड़क किनारे चार-पांच पानी के कैम्पर रखने वाले महान दानदाता न सिर्फ अखबारों में खबरें छपवाने के लिए लालायित रहते हैं,बल्कि फेसबुक और वाट्सएप पर भी अपनी इस उपलब्धि का बखान करते हैं। भारतीय संस्कृति तो कहती है कि दान ऐसे क रो कि एक हाथ को भी पता नहीं चले कि दूसरे हाथ ने दान किया है। लेकिन लगता है अब ये बदल गया है। अब शायद दान करने वाले पुण्य के लिए नहीं,प्रचार के लिए ऐसा करते हैं। ओम माथुर 9351415379