स्वर्गलोक में आज बहुत चहल पहल थी , स्वर्ग लोक की पार्किंग तरह तरह के वाहनों जैसे की उल्लू, बैल, कौआ , हंस, श्वान ,शेर,हाथी,आदि से फुल हो चुकी थी ।
दरबार सजा हुआ था भिन्न भिन्न के देवतागण अपने अपने आसनों पर विराजमान थे । सबसे ऊँचे सिंघासन पर देवराज इंद्र विराजमान थे , बीच बीच में सुंदर अप्सराएं हाथ में सोमरस का गिलास लिए सभी देवताओं के लिए परिचारिका का दायित्व निभा रहीं थी।
तभी वायरलेस माइक अपने हाथ में हुए और खांस के अपना गला साफ़ करते हुए नारद जी ने बोलना शुरू किया –
” अटेंशन प्लीज”
सब देवतागण चौकन्ने होके अपना ध्यान अप्सराओ से हटा के नारद जी की तरफ किया ।
” हाँ तो , देवियो और देवताओं , आज आप सब को अर्जेंटली मीटिंग में इसलिए बुलाया गया की आप सबको एक शुभ सुचना देनी थी जो की पृथ्वी के विश्वगुरु देश अर्थात जम्बूद्वीप से आई है ”
” वो क्या मुनिवर?” सभी देवी देवताओं ने लगभग एक स्वर में पूछा
” बताता हूँ बताता हूँ , जैसा की आप सब को पता है की प्राचीनकाल से ही जम्बूद्वीप हम सबका प्रिय निवास स्थान या यूँ कहें की जन्मस्थान रहा है … रहा क्या है अब भी है क्यों की हमेशा की तरह भगवान का अगला व्रजन(कल्कि अवतार) फिर वंही होने वाला है । हम सब के लाखो छोटे बड़े घर और करोडो भक्त गण वंहा मौजूद हैं ” इतना कह नारद मुनि चुप हो गएँ
देवतागण उत्सुकता से उनकी बात सुन रहे थीं
नारद मुनि ने फिर बोलना शुरू किया ” जैसा की आप सब जानते ही हैं की पृथ्वी लोक पर इन दिनों जमीन की कितनी कमी है , जमीन के रेट आसमान छू रहें हैं . स्वयं जम्बूद्वीप में ही करोडो लोग बेघर हैं जो सड़को पर खुले में या तिरपाल – झोपडी बना के रहते हैं . उन्हें जीवन भर दो गज अपनी जमीन नसीब नहीं होती ” नारद मुनि कहे जा रहे थे
बीच बीच में सभी देवी देवतागण हाँ हाँ … बिलकुल बिलकुल कह के यह अहसास दिला रहे थें की सभी नारद जी की बात ध्यान से सुन रहे थे ।
” देवी और देवताओं , तब ऐसे में हमें अब एक नया और आलीशान घर और मिलने वाला है …वो भी विदेश में दुबई जैसे आलिशान और महंगे देश में sss” नारद जी ने ख़ुशी में अपने शब्दों को खिंचा
” हुर्रे … हुर्रे… वाह!!वाह!! अति उत्तम ” सभी देवी देवतो के जोरदार उत्साह और तालियों से दरबार गूंज उठा ।
” और यह कारनामा किया है जम्बूद्वीप के हमारे अति प्रिय शिष्य या यूँ कहें की आंशिक अवतार … सरेन्द्र बोदी ने..” नारद मुनि ने जोरदार आवाज में कहा ।
सरेन्द्र बोदी के इस अद्भुत कारनामे से पूरा दरबार तालियों और प्रसंशा से एक बार फिर गूंज उठा , अप्सरों ने सोमरस की सर्विस डबल कर दी।
तभी एक देवता खड़ा हुआ बोला-
” परन्तु मुनिवर , सुना है की दुबई में हमारे लिए जमीन 2013 में ही अलॉट हो गई थी ? और मुनिवर जम्बूद्वीप में तो हमारे वैसे ही इतने आलिशन और कीमती घर हैं .. कई घर तो ऐसे हैं जो खंडहर हो चुके हैं उनकी मरम्मत तक नहीं हुई है . फिर ऐसे में महंगे देश में नया और आलिशान घर बनाने का क्या लाभ?जम्बूद्वीप में वैसे ही लोग इतने गरीब हैं की दो जून की रोटी भी मुश्किल से इकट्ठी कर पाते हैं .बालको के लिए विद्यालय नहीं हैं , रोगियो के लिए अस्पताल नहीं हैं … पहले उनका इंतेजाम..”
” जस्ट शटअप … चुप हो जा… एक शब्द भी नहीं बोलना अब “उस देवता की बात सुन इंद्र देवता गुस्से में अपने सिंघासन से खड़े होते हुए कहा ।
इंद्रदेव की बात सुन दरबार में उपस्थित सभी देवी देवता को भी गुस्सा आ गया उस देवता पर और वे भी उस देवता को धिक्कारने लगे ।
तभी नारद मुनि ने इंद्रदेवता के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा ‘ महाराज , मुझे लगता है की यह देवता अपोजिशन यानि की असुरो से मिला हुआ है … अभी इसको धक्के मार के बाहर करवाता हूँ ”
तुरंत दो दरबारी आएं और उस देवता को घसीटते हुए स्वर्गलोक से बाहर फेंक दिया ।
इधर नारद मुनि ने दरबार को पुन: संबोधित करते हुए कहा ” चलिए देवी और देवताओं …दुबई में मिलने वाले नए प्लाट की ख़ुशी में उत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी हैं … जी भर के आनंद लीजिये ”
इतना सुन सभी उपस्थित देवी देवतागण ने एक बार फिर जयकारा लगाया .. बोलो महाराज इंद्र देव की जय… सरेन्द्र बोदी की जय ….. हर हर बोदी … दुबई में बोदी…
– केशव