मजीठिया वेज बोर्ड क्या है?

राजेन्द्र गुप्ता
राजेन्द्र गुप्ता
सूतजी बोले- शौनकाादिक ऋषियों सहित अन्य सभी ऋषि-मुनि सुनें, इन दिनों समाचार पत्रों में चल रही हलचल और अख़बार मालिकों की छल-प्रपंच की रणनीति के बावजूद विजयश्री अखबारों के कर्मचारियों का ही वरण करेगी।
शौनकादिक ऋषियों में कौतूहल का भाव था। एक ऋषि ने पूछा-

मजीठिया वेज बोर्ड क्या है?

सूतजी मुस्कुराये और बोले-

मजीठिया वेज बोर्ड समाचार पत्रों में कार्य कर रहे पत्रकारों-गैर पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर दस वर्ष में गठित किया जाने वाला वेतन आयोग है।
इस वेज बोर्ड की सिफारिशें सभी पक्षों की सुनवाई करने बाद जस्टिस जी. आर. मजीठिया ने भारत सरकार को सौंपी। इसे 11.11.11 यानी 11 नवम्बर 2011 को अधिसूचित कर दिया गया।

ऋषि ने पुनः जिज्ञासा प्रकट की-तब तो अपने ग्राहकों, उद्यमियोन और सरकारों से करोड़ों का विज्ञापन बटोरने वाले अख़बार मालिकों ने तुरत-फुरत वेज बोर्ड का लाभ अपने कर्मचारियों को दे दिया होगा?

सूत जी के चेहरे पर विषाद की रेखाएं खिंच गई, वे बोले-
कलिकाल में अख़बार मालिकों में जितना अहंकार, लालच और छल-छद्म का भाव आया उतना तो सत्ताधीशों को भी नहीं रहा। मदोन्मत्त पागल हाथी की तरह अख़बार मालिक अपने उन कर्मचारियों का दमन करने लगे जिन्होंने अपने हक़ की आवाज बुलंद की।

अब ऋषियों में कौतूहल चरम पर था-
तभी ऋषिगण ने प्रश्न किया-
इन दिनों लगभग सभी अख़बारों के मालिकों को जेल जाने का डर क्यों सता रहा है?

सूतजी उवाच-
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अपने अहंकार में डूबे अखबारों के मालिक आदेश की पालना नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में अख़बार मालिकों के खिलाफ अवमानना याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई हैं। चूँकि सभी अख़बारों के मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कर्मचारियों की तनख्वाह में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। ऐसे में अब अदालत कहीं उनका हश्र सहारा ग्रुप के सुब्रत राय सहारा जैसा न कर दे, यह भय अख़बार मालिकों को सता रहा है।

-ऋषिगण में अब अख़बार मालिकों के प्रति क्रोध का भाव उत्पन्न होने लगा। कुछ ऋषि तो कमंडल में रखा जल मन्त्र पढ़कर अख़बार मालिकों को शाप देने ही जा रहे थे कि सूतजी बोल पड़े-
हे ऋषियों, वर्षों के तप से अर्जित अपनी सिद्धियों को उन पातकों पर व्यर्थ न करो-
आर्यावर्त में इन दिनों नवरात्र पर्व चल रहा है। जगतजननी माँ स्वयं उन पापियों का संहार करेंगी। चाहे शुभ-निशुम्भ हों या रक्तबीज, उन पातकों का संहार होकर रहेगा। अख़बार मालिकों के खिलाफ संघर्षरत कर्मचारियों की विजय होगी। अख़बार मालिकों के अहंकाररुपी महिषासुर का माँ दुर्गा संहार करेगी।

इति श्री सूतजी उवाच
-राजेन्द्र गुप्ता
09611312076

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