1- शिक्षा शेरनी के दूध के समान है, जिसे
पीकर हर व्यक्ति दहाड़ने लगता हैं।
2- शिक्षा एक ऐसा माध्यम हैं जिसे
प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचानी चाहिए।
3- शिक्षा सस्ती से सस्ती हो जिससे
निर्धन व्यक्ति भी शिक्षा प्राप्त कर
सके।
4- शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध
अधिकार है.
शिक्षा के मार्ग सभी के लिए खुले होने
चाहिए।
5- किसी समाज की प्रगति उस समाज के
बुद्धिमान, कर्मठ और उत्साही युवाओं पर
निर्भर करती है।
6- मैंने जिस प्रकार से शिक्षा प्राप्त
की, आप भी प्राप्त कीजिए।
7- केवल परीक्षा पास करने तथा पद
प्राप्त करने से शिक्षा का क्या
उपयोग?
आपको यह याद रखना चाहिए कि कोई
समाज जागृत, सुशिक्षित और
स्वाभिमानी होगा तभी उसका
विकास होगा।
8- अपने गरीब और अज्ञानी भाईयों की
सेवा करना प्रत्येक शिक्षित नागरिक
का प्रथम कर्तव्य है।
9- बड़े अधिकार के पद पाते ही शिक्षित
भाई अपने अशिक्षित भाईयों को भूल
जाते हैं. यदि उन्होंने अपने असंख्य भाईयों
की ओर ध्यान नहीं दिया तो समाज
का पतन निश्चित हैं।
10-अपने बच्चों को विद्यालय जरुर भेजें.
उन्हें शिक्षित बनाओ।
11- शिक्षा के बिना समाज को
सुधारने का और कोई चारा नहीं।
-noratram loroli