बेलगाम भगवा ब्रिगेड ?

sohanpal singh
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आखिर अध्यक्ष को कुछ हया तो आई जो अपने इन बेलगाम नेताओ को बुला कर जबान पर लगाम लगाने का आदेश अध्यक्ष द्वारा सुनाया गया! लेकिन यह ऐसा भो नहीं है कि इन बेलगाम नेताओं ने कुछ पार्टी लाइन से या अपने मातृ संघठन की मर्जी की बगैर कुछ कहा हो यह सब लोग मातृ संघठन के कर्मठ स्वयं सेवक है ! इनके जबान से वही सब कुक निकलता है जो पार्टी और संघठन के मन में होता है ?

इन कर्मठ स्वयं सेवकों के समर्थको ने ग्रेटर नोयडा के बिसहाड़ा गावँ में अखलाख द्वारा कथित गौ हत्या के आरोप में उसकी हत्य कर दी और फिर फिर आरम्भ हुआ राजनेताओं की ब्यान बाजी ? लेकिन इसमें भी बाजी मार ली सत्ताधारी पार्टी के धुरंधर बेलगाम ब्यांबाजों का मुहँ जब खुलता था तो खुलता ही चला गया है?

1. एक राज्य का मुख्य मंत्री कहता है “बीफ खाने वाले भारत में बीफ खाना बंद करदें अगर नहीं बंद कर सकते तो पकिस्तान चले जायँ ?”

2. केंद्र का सांस्कृतिक मंत्री कहता है की “बिसहाड़ा गावँ में जो कुछ भी हुआ है वह एक दुर्घटना थी ”

3. भगवा खेमे का एक सांसद जो एक साधू भी है , कहता है “गऊ हमारी मां है अगर कोई उसको मारेगा तो हम मर जाएंगे या मार देंगे ”

4. पार्टी का। उत्तर प्रदेश का एक विधायक भी अपने लाव लश्कर के साथ गाँव में पहुँच कस्र हुंकार भारत है और कहट्स है मैं यहाँ 50 हज्जार की भीड़ एकत्र कर दूंगा ?
अब आज 18/10/2015को जब इन सभी चरों लोगों की क्लासअध्यक्ष ने ली तो ये सब मीडिया से आँखे चुराते देखे गए ? लेकिन यह सब अचानक ही नहीं हुआ है बिहार के दो चरण के चुनाव संपन्न होने बाद पार्टी को जमीन खिसकती नजर आ रही है ! इस लिए डैमेज कंट्रोल के लिए अपने बड़बोले नेताओं को हिदायत देनी पड़ी है ?
एस पी सिंह मेरठ

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