मीडिया में बने रहने ले लिए एक चतुर जागरूक और चालाक लोमड़ी की भांति किसी भी विवाद को हवा दे देना उनके बांये हाथ का काम है ? अभी जब न्यायालय ने दिल्ली महो रही प्रदूषण पर चिंता जाहिर की तो मुख्य मंत्री ने फरमान जारी लसर दिया की दिल्ली में एक दिन सम संख्या की नंबर वाली गाड़ियां चलेंगी अगले दिन विषम नंबर की संख्या वाली गाड़ियां चलेंगी ? परिक्षण के तौर पर 15 दिन के लिए यह प्लान लागु किया जाएगा ! इससे दिल्ली वालों को क्या परेशानी होगी ये तो वे ही बता सकेंगे ! लेकिन हमें तो लगता है की या प्लान लागू होने से पहले ही फ्लॉप हो जायेगा ! क्योंकि कोई भी कानून तब ही लागू होता है जब उसको लागु करने के लिए सक्षम फ़ोर्स और मैनपावर आपके पास हो ! और सड़क पर लागु होने वाले किसी भी नियम को लागू करने के लिए सक्षम ट्रैफिक पुलिस का होना अत्यंत आवश्यक है , पुलिस के आभाव में कानून ही नहीं लागू हो सकता ?
अब बात करते है दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार की ! जैसा की मीडिया के द्वारा मालूम होता है क़ि दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के कंट्रोल में नहीं है चूँकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के आधीन है ? ऐसी स्थिति में मान लो सम और विषम दोनों नम्बर की गाड़ियां सड़कों पर आ जाती है तो फिर उनको रोकेगा कौन ? जाहिर है कोई नहीं लेकिन दिल्ली का मुख्य मंत्री दोनों स्थिति में भी हीरो बन ही जायेगा यानि चित भी मेरी पट भी मेरी और अंटा मेरे बाप। वैसे भी मुख्य मंत्री का यह कदम उनके द्वारा उठाये गये छोटे कदम के आगे बड़े कदम जैसा ही है जब उन्होंने अपने विधायकों की सेलरी (वेतन) चार गुणा कर दिया है जिसको डायलुट करने के लिए ही सड़क का अँधा क़ानून लागु करने की घोषणा की है ?! इसी को कहते हैं अंधेर नागरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा !
एस पी सिंह, मेरठ ।