‘निराली होली’

PhotoCollage_126280092रास रचाऊं तुम्हरे संग जब रंग जमेगी होली में,
तन मन जायेगा रंग फिर धूम मचेगी होली में।

सब बैर भाव को भूल, ह्रदय के तार मिला लो,
महके जीवन बन बसंत, जंग लगेगी गोली में।

आशा गुप्ता
आशा गुप्ता
आओ री सखियों, आकर धूम खूब मकाओ,
रह जायेगा जग देख दंग हम घूमेगीं टोली में।

चल हम भी सबको छेड़े, मिलकर उन्हें खदेड़े,
जो छेड़ते है मन में भर उमंग हंसी ठिठोली में।

मन पतंग सा उड़ता, जब पास से वो गुजारता,
हिया झूमे मस्तमलंग जब रस टपकेंगे बोली में।

जम जम कर हम नाचेंगे, गायेंगे रस भरे गीत,
थिरकेगा अपना अंग जब भंग चढ़ेगी होली में।

अब राधा की बारी, अबीर गुलाल की ले थाली,
कर दूंगी सारा मोहभंग, इतनी भी न भोली मैं।

©आशा गुप्ता ‘आशु’, पोर्ट ब्लेयर, अंडमान
ashag754@gmail.com

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