पति- बच्चों की मौत के बाद भी नही मानी हार, गरीब महिला नि:शुल्क दे रही सिलाई प्रशिक्षण।
– 51 हज़ार देने की धोषणा
महिला शंकूतला प्रजापति ने अपनी सम्मति में से कुछ हिस्सा बेचान करके दिली मन की ख़्वाहिश है कि ग़रीब अनाथ बच्चों की अच्छी परवरिश हो उसके लिए 51 हज़ार रुपये एक सामजिक क़ायकमं के माध्यम से देने की घोषणा भी की है। घोषणा के बाद से कही सामाजिक संगठनों ने शंकूतला का साथ व सिलाई प्रशिक्षण में सरकारी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है।
महिलाओं की ज़ुबानी….
1- लक्ष्मी पटवारी ( सिलाई सिखने वाली महिला )
शंकूतला आंटी के पास में करिब 4 साल से सिलाई सिख रही हूँ, इस कला के ज़रिए में अब खुद भी आस- पड़ोस की महिलाओं के कपड़े सिलकर अपनी आजीविका चला रही हूँ। बहुत खुब सिखने को मिलता है।
2- कल्पना देवी ( सिलाई सिखने वाली महिला )
नि:शुल्क में आंटी जी ने मुझे जो हुनर सीखाया है, इनकी सिलाई कला से में बहुत प्रभावित हुई हूँ। में व मेरी बेटी दोनो आंटी जी से सिलाई सिख रही है। इनकी इस कला से हम महिलाओं को बहुत बडा हौसला मिल रहा है।
3- पिंकी कुमारी ( सिलाई सिखने वाली बच्ची )
मेरा ये अनुभव है में 8 साल की हूँ ओर अब आंटी जी से सिलाई सिखकर में अपनी मम्मी के ब्लाउज़ सिल लेती हूँ। आंटी जी बहुत प्यार व अच्छे से सिलाई सिखाती है ओर तो ओर पैसे भी नही लेती है।
— शंकूतला प्रजापति ( सिलाई सिखाने वाली पीड़ित महिला )
में ये सब केवल समाजसेवा के लिए करती आ रही हूँ। महिलाएँ जागरुक होगी व खुद कमाकर खा सके बस यही सोच है मेरी, साथ ही महिलाओं को इस कला के ज़रिये कही बड़े मुक़ाम व घरेलू हाथ खचें भी चलते रहते है। में चाहे कितनी पीड़ित रहूँ परन्तु जनसेवा करती रहूँगी।