कुछ तो शर्म की होती

ओम माथुर
ओम माथुर
आशुतोषजी,आपने तो हद कर दी। अपने चरित्रहीन मँत्री सँदीप कुमार की तरफदारी मे महात्मा गाँधी,जवाहरलाल नेहरू, अटलबिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं से उनकी तुलना कर दी। अपनी गँदगी को धोने के लिए दूसरों पर क्यों गँदगी उछाल रहे हो। इतिहास को याद करके वर्तमान के दाग धोने की कोशिश मे क्यों देश के भविष्य को तबाह कर रहे हो। अगर पूर्वजोँ ने गलती की है तो हमें तो उससे सबक लेना चाहिए या उन्हें द़ोहराना चाहिए।
आप तो खुद पत्रकार रहे हो,ऐसी कितनी ही बँद कमरों की सीडी और सि्ँटग आपरेशन पर आपने खुद खूब बहस कर नेताओँ को टीवी पर नँगा किया हैं। फिर अपने नँगे नेता को क्यों बचा रहे हो। ये तो हमको भी पता है कि दो बालिग अगर मरजी से सँबँध बनाते हैं तो अपराध नहीं है,लेकिन अवैध सँबँध तो फिर भी कहलाते हैं। फिर क्या आपके मँत्री की तरह कोई खुद ही इसकी सीडी भी नहीं बनाता हैं। नेता तो लोगों के लिए रोल माडल होते हैं, उनसे प्रेरणा लेते हैं युवा।
क्या आप युवाओं को ये सीख दे रहे हैं कि शादी से पहले भी अवैध सँबँथ बनाओ और बाद मे भी। समाज और नैतिकता गई भाड मे। भारतीय सँस्कृति,मर्यादाओँ,परम्पराओं को क्यों बरबाद करना चाहते हो। एक बात और,क्या आप खुद अपने परिवार मे किसी को ऐसे सम्बन्धोँ की इजाजत देकर उन्हेँ सार्वजनिक करने की हिम्मत रखते हैं?
ओम माथुर, अजमेर। 9351415379

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