कबीरा खडा बाजार मे

n chauhan… लौट के बुद्धु घर आए।इसे यू पढे, लौट के सिद्धु पँजाब आए। कपिल के कामेडी शो ,किरकेट की कमेँटर ,और इन्गलिश सिखा सिखाते सिद्धु को बृहम ग्यान आया कि अब पौलिटिक्स मे चौक्का मारा जाए। न खुदा मिला न विसाले सनम। सिद्धु अब करते क्या।पँजाब की चीफ मिनस्टिरी, का ख्वाब केजरीवाल ने तो ड दिया।केजरीवाल को डर था तेज तररार सरदार कहीँ आप ही को न निगल जाए। काँगे्स के कैप्टन अमरेँदर को आशँका थी कहीं सिदधु उन्हे हवलदार न बना दें।
सिदधु को यह बृहमगयान अजमेर के पुष्कर मे मिला जब वे छह सात माह पहले पुष्कर आध्यात्म या त्रा पर आए थे। बहरहाल पँजाब के पिच पर इस शायरे आजम की बैटिँग देखना दिलचस्प होगा।बात अब पँजाब से सटे जाट हरियाणा की। अमरेँदर तो बच गए पर भूपेन्द्र हुडडा् सीबी आई के लेंस के नीचे आ गए। मानेसर जमीन घोटाले मे आज सीबीआई की छापेमारी के दोरान ऊन्के पास फोन आया।दूसरे सिरे पर वाड्रा जी थे। कह रहे थे सर आप सीनीयर हैं, आप आगे आगे चलिए मै पीछे, पीछे आता हूँ।हुडडा जी ने दूसरे कान मे ऊँगली दे पूँछा वाड्रा साहब चलना कहा है,। वाड्रा जी कान मे फुसफुसाये सर अडोस,पडोस वाले पहाड,पहाड कह रहे हैं। हुडडा जी का सिर घूम गया, अब सिर कँहा फोडे।सामने की दीवार कमजोर थी, मन मसोस कर रह गए।ले किन ,एक सौ पाँच डिग्री गुस्से मे फोन तोड दिया, औऱ चिल्ला कर बोले, अब इन अन्गेरेजो की औलाद को पहाड़ औऱ तिहाड़ का फर्क कोन समझाये।☺☺☺☺☺
नरेन्द्र चौहान free Lancer

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