पर्यटन मंत्रालय ने दी 450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी
तमिलनाडु के तटीय सर्किट में चेन्नई- इनमें ममल्लापुरम-रामेश्वरम-मनपद-कन्याकुमारी में विकास के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के लिए मंजूरी दी गई है। साउंड और लाइट शो, समुद्र तट पर सुविधाओं का विकास, विवेकानंद स्मारक से तिरूवलुर प्रतिमा तक पैदल यात्रियों के लिए पुल का निर्माण इस परियोजना के प्रमुख आकर्षण हैं।
हालांकि अभी मंजूर की गई परियोजनाओं में राजस्थान संबंधी कोई योजना सम्मिलित नहीं है लेकिन अपरोक्ष रूप से पर्यटन विकास के इस महती यज्ञ का असर पूरे देश के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ेगा। पर्यटन क्षेत्र के जानकार मानते हैं कि एमपी व यूपी के साथ पर्यटकों का पैकेज में राजस्थान शामिल रहने से यह प्रदेश भी अवश्य लाभांवित होगा।
पहले राजस्थान :-
बता दें कि जुलाई 2016 में मंत्रालय ने कुछ परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई जिनमें कृष्णा सर्किट के तहत, राजस्थान राज्य में श्रीनाथ जी (नाथद्वारा), गोविंद देवजी (जयपुर), कनक वृंदावन (जयपुर), चरन मंदिर (जयपुर), गलताजी मंदिर परिसर (जयपुर) और खाटू श्याम (सीकर) स्थलों को शामिल किया गया। इस परियोजना की लागत लगभग 98.00 करोड़ रुपये बताई गई। इस परियोजना में इन स्थलों का विश्व स्तर का ढांचागत विकास शामिल है, जिसमें ऑडियो विजुअल और प्रोजेक्शन शो, स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था, सौर प्रकाश व्यवस्था और सड़कों की प्रकाश व्यवस्था, पर्यटक सहायता केंद्रों का निर्माण, यात्री शेड, सड़क के किनारे सुविधाओं के ढांचागत विकास, पार्किंग, जनसुविधाओं, ओपन एयर थियेटर, सांस्कृतिक व्याख्या केंद्र, फव्वारे और बागवानी पर विशेष ध्यान दिया जाना शामिल है।
अब इन्हें मिली मंजूरी :-
तमिलनाडु के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विरासत सर्किट में अनुमानित 100 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से ग्वालियर-ओरछा-खजुराहो-चंदेरी-भीमबेटका-मांडू को कवर किया जायेगा। परियोजना स्थलों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जायेगा जिनमें खजुराहो में थीम पार्क और कन्वेंशन सेंटर विकसित करना तथा मांडू में साउंड एंड लाइट शो शामिल हैं। पर्यटक स्थलों पर रोशनी, पर्यटक सुविधा केंद्रों का निर्माण और पार्किंग क्षेत्र इस सर्किट के लिए अन्य प्रस्ताव हैं। उत्तराखंड में विरासत सर्किट में लगभग 83 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से जागेश्वरी-देवीधुरा-कटारमल-बैजनाथ स्थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है। उत्तराखंड की परियोजनाओं के मुख्य बिंदु पर्यावरण अनुकूल लट्ठों से झोपड़ी बनाना (इको लॉग हट), साउंड और लाइट शो और मंदिरों के मार्ग में सुधार करना है।
उत्तर प्रदेश में रामायण सर्किट में दो स्थलों अर्थात् चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर में विकास किया जायेगा। इस सर्किट पर परिक्रमा मार्ग का विकास, फूड प्लाजा, लेज़र शो, चित्रकूट के मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के हिस्सों को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज, घाटों का विकास, पर्यटक सुविधा केंद्र और पार्किंग क्षेत्र के वास्ते लगभग 70 करोड़ की परियोजना लागत रखी गयी है। उत्तरप्रदेश के रामायण सर्किट में अयोध्या भी शामिल है जिसके लिए उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है।
सिक्किम के पूर्वोत्तर सर्किट के लिए तकरीबन 95.50 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से इको लॉग हट बनाना, सांस्कृतिक केंद्र, पैराग्लाइडिंग सेंटर, वास्तुशिल्प बाजार, पर्वतारोहण के लिए आधार शिविर और ध्यान कक्ष विकसित किये जाने की योजना है।