क्या हुआ अगर इस चैनल पर कोई राष्ट्रद्रोही नारें नहीं लगे, लेकिन वहां वे नारें भी तो नहीं लगे जो हमें महान बनाते हैं। नारों से परहेज राष्ट्रद्रोह है। चरण वंदन से इंकार राष्ट्रद्रोह है। किसी सैनिक की चिता पर सिक़ी रोटियों में स्वार्थ सूंघना, आतंकवादियों की मौत में कानून ढूंढना, सैनिको की शहादत में सुरक्षा के छेदों की पडलाल करना, ये सब देश द्रोह ही है। अख़लाक़ को आदमी मानना, दादरी के दर्द को गाना, गौरक्षकों को आतातायी बताना, विकास के अलाप के बीच दाल रोटी के भाव बताना, शर्मीला इरोम के अनशन पर आंसू बहाना, साहित्यकारों की पुरस्कार वापसी को समाचार मानना, जे. एन. यु., ए. एम्. यू., बी. एच. यू. को आतंकी ठिकानों की जगह शिक्षण संस्थान मानना, रोहित वेमुला की मौत की छानबीन करना और कन्हैया को बिना छानबीन देशद्रोही नहीं मानना, ये सब राष्ट्रविरोधी बाते नहीं तो क्या हैं? और तो और राहुल गांधी और केजरीवाल को भी राजनेता मानना, कितना बड़ा अपराध है। पता नहीं ऐसे अनेकों किस्से रोज प्राइम टाइम में लेकर बैठने वाला यही चैनल है जिसने अन्ना आंदोलन की आग से किसी दल का घर फूंका और दूसरे के यहाँ रौशनी कर दी।
इस चैनल को सजा मिलनी चाहिए। बहुत बोलता है।सुनता है। देखता है।सूंघता है। 56 इंची छाती को मापने की कोशिश करता है। पूंजी और पावर के गढ़जोड़ में जोड़ खोजता है। बड़ा आया आइना बनने वाला। विपक्ष की भूमिका दिखाने वाला। विपक्ष मुक्त लोकतंत्र के सपनें में जो रोड़ा बनेगा ,उसे रोड पर लाना ही होगा।
बहरहाल, जो इस सजा के खिलाफ बोलेंगे, वे भी तैयार रहे..।
अच्छा हुआ, टी.वी. समाचारों की एक आवाज खामोश हो रही है। अब हमे आवाजों की बात नहीं करनी है। हर आवाज के गूंगे होने पर जश्न बनाना है। हम खुश है कि अच्छा हुआ, NDTV पर प्रतिबद्ध लग रहा है। ठीक उसी तरह कि मोक्ष की कामना में हम अपनी मौत का उत्सव बना रहे हैं।
रास बिहारी गौड़
www. rasbiharigaur. com
आतंकियो तक msge देना की कहा से भागने का रास्ता है कहा राकेट रखे हैं ,बरखा जी के द्वारा फ्लैश चमकाना सब देश भक्ति है क्या कोर्ट क्यू नहीं जा रहे हैं वही न्याय हो जाएगा