इस निर्णय से देश का लगभग 50000 करोड़ धन नष्ट हो जायेगा ।यदि सरकार उसे वसूल पाती तो सरकार को 30%की दर से 20000 करोड़ मिल पाते जो कि जनता के काम आते। शेष राशि अर्थव्यवस्था को आगे बढाने के काम आती।
ऐसे समय में जब देश में इन्वेस्टमेंट कम हो रहा है,मंदी का दौर है,इस निर्णय से मनी सप्लाई कम होगी।जिसका सीधा नकारात्मक प्रभाव परिणाम रोजगार ,निर्माण और सर्विस सेक्टर पर होगा।
यह सही है कि गलत तरीके से पैसा कमाने वालो पर गहरी चोट पहुंचेगी ।मगर अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान पहुंचेगा।
