क़लम उठ जाती है January 18, 2017 by associate नटवर विद्यार्थीजब तक घर में ऐक्य भाव है, तब तक घर वो घर है । अगर नहीं है ऐक्य भाव तो, सबके सब बेघर है । ईंट और गारे से निर्मित , घर को घर नहीं कहते । घर तो सिर्फ़ वही होता जहाँ, मिलजुलकर सब रहते । -नटवर विद्यार्थी