आज हम आपको मिलवा रहे हैं एक ऐसे महाठग से जो देश के बड़े मीडिया समूहों के साथ-साथ सभी सुरक्षा एजेंसियों को अपना सहयोगी बता कर पत्रकारिता में आने को आतुर लोगों को अपने जाल में फंसा कर पत्रकार बनाने के नाम पर ना केवल उनसे पैसा ठगता है बल्कि उनका बेशकीमती समय भी खराब करता है। पवन भूत नाम के इस महाठग ने पिछले कुछ सालों में पुलिस और मीडिया की आड़ में हजारों लोगों को ठग कर कीर्तिमान भी स्थापित किया है . . .

‘‘ऐसा लगता है कि देश की सम्पूर्ण सशस्त्र सेना, पुलिस फोर्स, खुफिया एजेन्सियां और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया पवन भूत के ठगी के कारोबार में उसके पार्टनर है।’’ नटवर लाल की चालाकी को पीछे छोड़ते हुए पवन भूत ने देश की तमाम महत्त्वपूर्ण सरकारी सुरक्षा एवं अन्वेषण एजेन्सियों को अपनी वेबसाइट (www.policepubicpress.in) पर अपना सहयोगी होना दर्शाया है। ताकि वेबसाइट पर विजिट करने वाले लोगों को लगे कि वाकई ‘‘पुलिस पब्लिक प्रेस’’ में कुछ गलत नहीं है और इसके माध्यम से पुलिस और पब्लिक के बीच सामंज्स्य स्थापित करने के लिए काम कर रही है।

यह एक मासिक पत्रिका का नाम है। इसके सम्पादक पवन कुमार भूत ने एक दशक पूर्व इस मासिक पत्रिका का किरण बेदी से विमोचन करवाया था। विमोचन के समय किरण बेदी के साथ लिए गए फोटो को देशभर में जगह-जगह लोगों को दिखाकर किरण बेदी को पुलिस पब्लिक प्रेस में सहयोगी होने का दावा करता है। पवन कुमार भूत विभिन्न अखबारों व पेम्पलेट में किरण बेदी के फोटों सहित ‘‘पुलिस पब्लिक प्रेस’’ पत्रिका का फोटों प्रकाशित करवाता है और पत्रिका के लिए रिपोर्टरों की आवश्यकता वाला विज्ञापन प्रकाशित करवाता है। रिपोर्टर बनने की इच्छा रखने वाले लोगों से 2500 व 10,000 रुपए लेकर उन्हें उन्हें प्रेस कार्ड देता है तथा रिपोर्टरों के माध्यम से अपनी मासिक पत्रिका के सदस्य बनाता है। रिपोर्टर अपने क्षेत्र में लोगों से सदस्यता शुल्क लेकर उन्हें मासिक पत्रिका के सदस्य बनाते है। सदस्यता शुल्क की एवज में डाक द्वारा मासिक पत्रिका भेजने व दुर्घटना बीमा करवाने तथा सदस्यता कार्ड दिए जाने का वादा किया जाता है।
‘‘पुलिस पब्लिक प्रेस’’ के रिपोर्टर व सदस्य बने राजस्थान व गुजरात के सैकड़ों लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पवन कुमार भूत ने तो डाक द्वारा मासिक पत्रिका भिजवाता है और ना ही दुर्घटना बीमा करवाता है। उन्होंने बताया कि उसके द्वारा महज सदस्यता कार्ड ही भिजवाया जाता है।
देश की तमाम सुरक्षा एजेन्सिया उसकी सहयोगी !
