हमारे देश के नेताओ को अपने आप पर बड़ा गुमान है की यह भारत देश को हम चला रहे है
-वो सोचते है की जो हम करना चाहे कर सकते है , करवा सकते है
-पर आज बहुत जरुरी हो गया है उनेह इस गलफहमी से निकालने का
-क्या कभी उन्होंने इस देश के नागरिको के बारे मे , उनके काम , उनकी कार्यप्रणाली के बारे मे सोचा है
– जब भरी बरसात के मौसम मे , भरी सर्दी के मौसम मे एक रेल्वे क्रोरोसिंग का गेट मन रात जाग जाग कर ट्रेन की आने की आहट पर ( सिंग्नल मिलने पर ) गेट को बंद करने और ट्रेन के गुजर जाने के बाद फाटक को खोलने का काम करता है
– जब भारत देश का सिपाही पूरी पूरी रात देश की सीमा की रखवाली करता है ,उसे उस वक़्त ना सर्दी , ना गर्मी , ना बरसात , ना बर्फवारी की चिंता होती है , उसे सिर्फ अपना देश के प्रति फर्ज याद होता है
-यह देश उन शहीद सिपाहियों से चलता है , जो कही पे दंगे , कही पे लड़ाई मे अपनी जान गँवा बैठे है
-जरा पूछो उन नेताओ से क्या तुमने देश के लिए यह काम किये है
-आज देश ऐसी कई मिसालो से भरा पड़ा है
-पर ये नेता आज भी इस देश की जनता को समझ नहीं पाए
-किसी एक नेता को एक महीने तो क्या १० दिन भी यह काम करना पड जाए , तो उसे इस देश की जनता का दर्द समझ मे आये
-ऐसे नेताओ को जरा एक दिन भरी गर्मी के मौसम मे किसी चोराहे पर खड़ा कर के ट्रेफिक सँभालने का काम दिया जाए , या उनेह कभी भरी सर्दी मे रात २ बजे किसी क्रासिंग पर गेट खोलने और बंद करने का काम दिया जाए
शायद तब उनेह पता चले की देश ( यदि वो शरमशार है तो ) उन से नहीं यहाँ के जागरूक नागरिको से चलता है
-क्या कभी उन्होंने इस देश के नागरिको के बारे मे , उनके काम , उनकी कार्यप्रणाली के बारे मे सोचा है
– जब भरी बरसात के मौसम मे , भरी सर्दी के मौसम मे एक रेल्वे क्रोरोसिंग का गेट मन रात जाग जाग कर ट्रेन की आने की आहट पर ( सिंग्नल मिलने पर ) गेट को बंद करने और ट्रेन के गुजर जाने के बाद फाटक को खोलने का काम करता है
– जब भारत देश का सिपाही पूरी पूरी रात देश की सीमा की रखवाली करता है ,उसे उस वक़्त ना सर्दी , ना गर्मी , ना बरसात , ना बर्फवारी की चिंता होती है , उसे सिर्फ अपना देश के प्रति फर्ज याद होता है
-यह देश उन शहीद सिपाहियों से चलता है , जो कही पे दंगे , कही पे लड़ाई मे अपनी जान गँवा बैठे है
-जरा पूछो उन नेताओ से क्या तुमने देश के लिए यह काम किये है
-आज देश ऐसी कई मिसालो से भरा पड़ा है
-पर ये नेता आज भी इस देश की जनता को समझ नहीं पाए
-किसी एक नेता को एक महीने तो क्या १० दिन भी यह काम करना पड जाए , तो उसे इस देश की जनता का दर्द समझ मे आये
-ऐसे नेताओ को जरा एक दिन भरी गर्मी के मौसम मे किसी चोराहे पर खड़ा कर के ट्रेफिक सँभालने का काम दिया जाए , या उनेह कभी भरी सर्दी मे रात २ बजे किसी क्रासिंग पर गेट खोलने और बंद करने का काम दिया जाए
शायद तब उनेह पता चले की देश ( यदि वो शरमशार है तो ) उन से नहीं यहाँ के जागरूक नागरिको से चलता है
-मै सलाम करती हु ऐसे भाइयो को ,, माताओ को ,बेटो को , बहनों को , पतियों को जो देश के लिए जीते है , और देश के लिए मरते है
उनेह अपने फ़र्ज़ के आगे कभी कोई दीवाली , ईद , होली याद नहीं
धन्यवाद
जय हिन्द , जय भारत
-वनिता जेमन
भाजपा नेत्री व समाजसेविका
SAMAAJSEVI HOKAR KAHEN TO YAH THEEK HAI.
JARA YAH BAAT PARTY K MANCH SE BHI KAHKAR DEKHEN.