सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत ।
कहासुनी ना कोई बैर ,
समझेंगे सब देर- सवेर ।
गाएंगे सब मिलकर गीत,
सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत ।
पेड़ों के झुरमुट में शोर ,
शायद होने वाली भोर ।
काली रात गई अब बीत,
सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत ।
बाँसुरियों की मीठी तान ,
तबलों के भी सुमधुर गान ।
दोनों की कहती है प्रीत ,
सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत ।
सबसे हो सुंदर व्यवहार ,
शुद्ध रहे आचार-विचार ।
रखे स्वयं को निर्मल- शीत ,
सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत ।
संयम बहुत बड़ा हथियार,
सुखमय जीवन का आधार ।
वाणी बन जाए नवनीत ,
सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत ।
– *नटवर पारीक*, डीडवाना