*म्हारा गाँव जेसो गाँव कठे*

बी एल सामरा “नीलम “
क्यूँ परदेसां जावो भाई,
थ्हे क्यूँ भटको हो अठे बठे।
सारी दुनिया घूम लो चाहे,
* आसण * जेसो गाँव कठे।
म्हारा गांव जेसो ,
रुपाळो और गांव कठे ।।
इण री माटी में जन्म लियो,
आ तकदीरां री बात है।
किस्मत सुं ही लोगां ने,
मिल पावे आ सौगात है।
सुख शांति रो ओ जीवन,
नहीं मिलेला और कठे।
सारी दुनिया घूम लो चाहे,
* आसण * जेसो गाँव कठे।
म्हारा गांव जस्यो और आणंद कठे ।।
घणो कमाणे रे चक्कर में,
क्यूँ बावळो होवे है।
क्यूँ दौलत री भूख में,
थांरे मन का चैन ने खोवे है।
जो आनंद निज गाँव में है,
नहीं मिलेला और कठे।
सारी दुनिया घूम लो चाहे,
*आसण * जेसो गाँव कठे।

खेत हुवे तो खेती करजे,
या कर लीजे व्योपार ,
जंच चाहे तो नोकरी
भी कर लीजे,
अठे ध्यान राखसी थारी “माँ”
दुःखडो भी नेड़ो नहीं आवे,
मन में हो संतोष जठे।
सारी दुनिया घूम लो चाहे,
*आसण * जेसो गाँव कठे।
आपणै गांव जिसो और गांव कठे
ठण्डी ठण्डी ताजा हवा बहे अठे सुबह सवेरे साथीडा सागे ” रामदेव सागर तांइ घूमण जायां,
रोग बीमारी भी परी मटे ।।
‘देव डूंगरी की शोभा न्यारी,
“मियाला रामदेव ” रो परचो अठे
सारी दुनिया घूम लो चाहे,
*आसण * जेसो फेर गाँव कठे।
बाळपणे रा साथीड़ा भी,
तने अठे ही मिल जासी।
हंसी मजाक, ज्ञान री बातां,
सारो स्वाद अठे ही आसी।
गाँव सामी कर लो मुंडो,
मत ना फोड़ा पाय बठे।
सारी दुनिया घूम ले चाहे,
*आसण * जेसो गाँव कठे।
रुखो सुखो खाकर भी तूं,
अठे स्वस्थ रह पावेला।
शहर तो हैं बीमारी रा घर,
रोज दवाई खावेला।
सुख सुं जीणो चावे तो,
पाछो जटपट आ अठे।
सारी दुनिया घूम लो चाहे,
*आसण * जेसो गाँव कठे।
बंम्बकी आरो गड अठे
*आसजी बापजी को गढ अठे कामदारां रो रैवास अठे *
मनरुपजी घासी राम जी को व्यवहार अठे, सेठ सामरा जी को निजधाम अठे ।
सगळाआनन्द रो माहौल अठे,
सारी दुनिया घुमलो चाहे,
*आसण * जेडो फेर गाँव कठे,
म्हांका गांव जिसो एतबार कठे ।राज रावळा का आयस दरबार अठे ।
जलम भोमका म्हांकी ,
जुना सब घर बार अठे ।
म्हांरा माथा का मोड़ ,मेवाड़ी सरदार अठे ।
जीतां जी गंगोज कियो अर पचकोसियो भी ठाप्यो जठे ।
केसरिया पाग वाळा धोळा सरपाव उजाळा अस्या और कोई किरदार कठे ।
मां की सेवा करण्या सरवण कुमार अठे ।
जुग जुग तक जस अमर रहसी एहडा पूत मांगी लाल अठे । जीतां जी गंगोज करयो ,
दादा जी को सरनाम अठे । केसरिया पाग वाळा अस्या और कोई किरदार कठे ।
म्हारा गांव जेसो और कोई गांव कठे ।
सुखी जीवन का राज अठे ,
कुदरत का सगला सरजाम अठे।।

*बाबू लाल सामरा नीलम*
शांति निकेतन ,गीता कालोनी फाॅय सागर रोड़ नरसिंह पुरा अजमेर

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