हमारी जिंदगी को हमने कभी तुलनात्मक दृष्टि से नहीं देखा है। हमने हमारी सुविधा के अनुसार वस्तुओं का सृजन तो किया है,विलासिता के साधन भी जुटा लिए है लेकिन जीवन की वास्तविक सच्चाई को नजर अंदाज किए हुए है। ऐसे में आज जब मैं कैलेंडर से बीते हुए दिन की तारीख बदल रहा था कि अचानक ही मेरे मन में के एक विचार ने जन्म लिया कि हमारी जिंदगी भी तो एक कैलेंडर की ही तरह तो है। हर दिन बदलने के साथ-साथ तारीख बदलती रहती है और एक एक कर बदलते बदलते महीना बीत जाता है और महीना बदलते बदलते महीने बदलने लगते हैं और वर्ष का अंत भी हो जाता है। गुजऱे हुए वर्ष को हम विदा करते हैं यादों से और आने वाले नूतन वर्ष का हम स्वागत करते हैं हर्षोल्लास से! इस एक वर्ष के मध्य में हम कितने ही त्योहारों का इंतजार करते हैं, कभी पूर्णिमा का चांद तो कभी अमावस की दुखभरी राते। हम भी वार्षिक कैलेंडर की तरह जिंदगी को जीते हैं हर नये दिन का हम स्वागत करते हैं बीते हुए कल से कुछ अनुभव लेकर भी चलते हैं। जब हम हर दिन जैसे हम कैलेंडर की तारीख को बदलते हैं तो शायद इस बात का अहसास भी नहीं होता कि इस कैलेंडर की तरह ही हमारी जिदंगी के भी पल भी तो गुजर रहे है। जन्मदिवस की खुशियां कहने को एक पायदान बढ़ाने की है लेकिन वह जीवन की सच्चाई को हमारे सामने लाने वाला एक वर्ष भी तो होता है। हम भूल जाते हैं कि हम भी इस कैलेंडर के एक एक पृष्ठ की तरह हैं जिसे नया बनना ही होगा अपने अनुभव को आने वाली पीढ़ी को सौपना ही होगा। दीवार पर फिर नई साज सज्जा के साथ एक नए कैलेंडर का आना तय है। हमें जो मिला है वह हमारे इसी कलैंडर वर्ष के लिए ही तो मिला है।
कैलेंडर को बनाकर हम उसके सृजनहार तो बन गए पर अपने सृजनकर्ता को भूल गए। एक बात और भी है कि हमे यह कैलेंडर सिखलाता है कि माह बीतते बीतते आधा वर्ष समाप्त हो जाता है अर्थात हमारी उम्र का क्षय भी तो हो रहा है। हमे भी हमारी ढलते हुए सूरज की तरह जिंदगी को याद करना होगा कि कि अब हमें भी पुन: नववर्ष का स्वागत करने के लिए अपने आपको तैयार कर लेना है। हमें सीखना चाहिए कि कैलेंडर की भांति हमारे इर्द-गिर्द के लोगों,दुखी और पीडि़तो के हृदय में इतना तो स्थान बना ले कि हमारी विदाई के समय हमारी अच्छाईयां भी इस तरह याद की जाएं और जैसे हम आने वाले नव वर्ष की कामना करते हैं कि बीते हुए वर्ष से अच्छा हो वैसी ही कामना हमारे लिए भी की जाए।
DINESH K.GARG ( POSITIVITY ENVOYER)
dineshkgarg.blogspot.com