दिलवालें दुलहनियां ले जायेंगे ! …हास्य-व्यंग्य

शिव शंकर गोयल
मुहावरें, कहावतें यूंही नही बन जाती है. इसके पीछे समाज के अनुभवी लोगों का ज्ञान भी होता है. यह सिर्फ काल्पनिक ही नही होती बल्कि कभी कभी वास्तविक रूप से घटित भी होजाती है. इस बात का प्रमाण कुछ समाचारपत्रों में छपी एक खबर से मिलता है जिसके अनुसार अपने देश के किसी स्थान पर, दूल्हें सहित एक के बाद एक करके, दो दो बारातें लडकीवालें के यहां पहुंच गई.
पहला दूल्हा आया. वरमाला की रस्म के पश्चात, उन्हें जनवासे में ठहराया गया. इसी बीच दूसरा दूल्हा भी बारात लेकर आगया और वधु को बिदा कराके लेगया. सभी इस खबर से चकित है कि आखिर उपरोक्त कहावत को अमलीजामा पहनाने वाला, बाद में आया, दूल्हा कही शाहरूख खान-काजोल द्वारा अभिनीत फिल्म “दिलवालें दुलहनियां ले जायेंगे” का फैन यानि प्रशंसक तो नही था ?
कहावतों को अमलीजामा पहनाने की कडी में एक प्रयास कुछ समय पूर्व भी हुआ था जब शासन संभालते ही ऐलान हुआ कि अब पोस्ट ऑफिस वालों की मदद से घर बैठे गंगाजी पहुंचाई जायगी. तब से ही, बरसात के दिनों में (भले ही बाढ के समय ही सही) पटना में हर साल गंगा का पानी घरों में पहुंच रहा है. यही नही कई मर्तबा तो वह पटना स्थित अस्पताल के मरीजों तक पहंच गया बताते है. ठीक ही कहा है कि जब घर बैठे गंगाजी आजाय तो फिर हरिद्वार जाने की क्या जरूरत है ? पटना वासियों को बधाई !
शिव शंकर गोयल

error: Content is protected !!