बेहद अन‍िष्‍टकारी होता है कुंडली में विष योग

यह योग देता है मृत्‍यु जैसा कष्‍ट
====================

राजेन्द्र गुप्ता
लाइफ में छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो होती ही रहती हैं। लेक‍िन कई बार जान पर बन आती है और ऐसा एक-दो बार नहीं कई बार होता है। आपने सोचा है क‍भी इसका कारण क्‍या हो सकता है? आख‍िर क्‍यों बार-बार ऐसी दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है? ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार ऐसा कुंडली में अन‍िष्‍टकारी योग के चलते होता है। ज‍िसके चलते मृत्‍यु जैसा कष्‍ट झेलना पड़ता है। आइए जानते हैं कौन सा है यह योग, कैसे बनता है और इसका न‍िवारण क्‍या है?

बहुत दु:ख पहुंचाता है विष योग
====================
हम ज‍िस योग की बात कर रहे हैं वह व‍िष योग है। जब कर्क राशि में शनि पुष्य नक्षत्र में हो और चंद्रमा मकर राशि में श्रवण नक्षत्र का रहे अथवा चंद्र और शनि विपरीत स्थिति में हों और दोनों अपने-अपने स्थान से एक दूसरे को देख रहे हों तो तब विष योग की स्थिति बनती है। इसके अलावा यदि कुंडली में आठवें स्थान पर राहु मौजूद हो और शनि (मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक) लग्न में हो तो भी इस योग का निर्माण होता है।

व‍िष योग के चलते होती हैं ऐसी द‍िक्‍कतें
=========================
शनि-चंद्र के इस विष योग के कारण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। इतना ही नहीं कई बार तो इस योग के चलते जातक की मानसिक स्थिति पागलों जैसी हो जाती है। इसके अलावा जातक को मृत्‍यु, डर, दु:ख, अपयश, रोग, गरीबी, आलस और कर्ज झेलना पड़ता है। इस योग से ग्रस्‍त व्‍यक्‍ति के मन में हर समय नकारात्‍मक व‍िचार आते रहते हैं साथ ही उसके काम बनते-बनते बिगड़ने लगते हैं।

व‍िष योग से बचने का उपाय
==================
व‍िष योग के न‍िवारण के ल‍िए शन‍िवार के द‍िन पीपल के पेड़ के नीचे नारियल फोड़ना चाहिए। ऐसा करने से इस विष-योग के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है। इसके अलावा शन‍िवार के दिन दीपक में सरसों तेल में काली उड़द और काला तिल डालकर जलाना चाहिए। साथ ही प्रत्‍येक शनिवार के दिन पवनसुत हनुमानजी की पूजा करनी चाह‍िए। इसके अलावा प्रत्‍येक शनिवार को कुएं में दूध अर्पण करें। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही यह विष-योग भी खत्म हो जाता है।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।

error: Content is protected !!