समुद्र का जलस्तर बढ़ने से पानी में डूबा हुआ दिखेगा शहर – ज्योति मुणोत
19 मार्च, 2022 शनिवार / मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का पर्यावरण आनेवाले कुछ सालों में ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। बारिश का पानी हर साल मुंबईवालों के जीवन पर खतरा बनता है, लेकिन ग्लोबल वॉर्मिग की वजह से लगातार बढ़ रही गर्मी भी इस साल और भीषण होगी। गोड़वाड़ इलाके में पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रही ज्योति मुणोत के मुताबिक आनेवाले कुछ सालों में जनजीवन पर खतरे के मामले में मुंबई ज्यादा खतरनाक शहर होगा और पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील भी। श्रीमती मुणोत ने ग्लोबल वॉर्मिग की वजह से कुछ साल बाद मुंबई के पानी में डूबने का खतरा भी जताया है।
मुंबई महानगरीय परिक्षेत्र की लगभग 2 करोड़ जनता के लिए समुद्र के पानी को लगातार प्रदूषित होने से बहुत बड़ा खतरा बताते हुए ज्योति मुणोत कहती हैं कि लगभग 20 साल पहले समुद्र करीब 30 किलोमीटर दूरी तक ही प्रदूषित था, जो अब बढ़कर 50 किलोमीटर से भी आगे तक प्रदूषित हो गया है। श्रीमती मुणोत मुंबई शहर के आसपास की समुद्री खाडियों की बदबू को भी जीवन पर मंडराते खतरे के रूप में बताती है। उनका कहना है कि इसका असर सीधा सांसों पर होता है, जिससे सामान्य लोगों के फेफड़ों पर विपरीत असर हो रहा है।
ग्लोबल वॉर्मिग पर मुंबई के बारे में कई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों का सार बताते हुए वे कहती है कि ग्लोबल वॉर्मिग की वजह से आशंका है कि सन 2100 से कुछ पहले तक बढ़ते समुद्री जल स्तर के लगभग 3 फीट तक बढ़ जाने से मुंबई पानी में डूबा हुआ हो सकता है। जलवायु परिवर्तन पर इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की 2019 की रिपोर्ट के हवाले से श्रीमती मुणोत ने बताया कि वर्तमान सदी के अंत से कुछ पहले समुद्र का जलस्तर एक मीटर तक बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि मुंबई महानगर पालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने भी हाल ही में चेतावनी दी थी कि अगर कुछ भी नहीं बदला, और बड़े उपाय नहीं किए गए, तो मुंबई महानगरीय क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा 2050 तक जलस्तर से नीचे होगा।