कारगिल युद्ध भारत पाकिस्तान के 1965 , 1971 एवं कबाइलियों के संघर्ष से\ पूर्णतया अलग तरह का था । कारगिल नियंत्रण रेखा के उत्तर में है |कारगिल श्रीनगर से 205 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कारगिल क्षेत्र में सर्दियों में तापक्रम -48 C यानी पहुंच जाता है |
कारगिल युद्ध को मोटे तोर पर तीन चरणों में विभक्त किया जा सकता है |
पहिले चरण में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने श्रीनगर को लेह से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर एक पर नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण सामरिक स्थानों पर क़ब्ज़ा कर लिया था |
दूसरे चरण में भारत के सुरक्षा बलों और सेना ने घुसपैठ का पता लगाकर अपने सुरक्षाबलों को अविलंब जबाबी हमले के लिए लामबंद करना शुरू किया था |
तीसरे चरण में भारत और पाकिस्तान के बीच भयंकर लड़ाई हुई जिसमें पाकिस्तानी सेना को अग्रिम भागों से पीछे हटना पड़ा |
कारगिल युद्ध भारत की सेना के पराक्रम शीर्य का परिचायक है वहीं इस लड़ाई में भी पाकिस्तानी शासकों एवं उसकी सेना की इतिहास को दोहराते हुए करारी पराजय हुई थी ।
पाकिस्तान की सेना और तथाकथित कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की।
संघर्ष की प्रारम्भिक अवस्था में पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले उसके नियमित सैनिक नहीं हैं वरन वे सभी कश्मीरी उग्रवादी-जिहादी हैं | पाकिस्तान के इस सफेद झूट का शीघ्र ही पर्दाफाश हो गया क्योंकि युद्ध में बरामद हुए दस्तावेजों, हथियारों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप मेंइस युद्ध में शामिल थी। कारगिल- द्रास सेक्टर में हुए संघर्ष में लगभग 30000 भारतीय सैनिकों ने भाग लिया वहीं पाकिस्तान के नियमित सैनिकों के अलावा करीब 5000 घुसपेठीयें ने भी पाक सैनकों की मदद की थी | भारतीय सेना ने इस लड़ाई में बोफोर्स तोपों का प्रयोग किया इन तोपों ने दुश्मनों पर कहर बरपा | भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर के अंतर्गत कठिन भोगोलिक परिस्थतीयों के बावजूद थल सैनकों की सहायता की थी | भारतीय नोसेना ने ऑपरेशन तलवार के अंतर्गत पाकिस्तानी बंदरगाहओं विशेषतया कराची बंदरगाह की नाके बंदी कि जिससे पाक सैनकों को कोई मदद नहीं मिल सके | भारतीय नोसेना की उत्तरी एवं पश्चिमी फ्लीट ने उत्तरी अरब सागर के क्षेत्र में आक्रमक पेट्रोलिंग कर पाकिस्तान के समुद्रीय व्यापार के लिये गम्भीर चुनोती उत्पन्न कर उसके सामुद्रिक व्यापार को क्षति पहुचाई | इस लड़ाई में भारतीय सेना के तीनो अंग थल,वायु एवं नो सेना परस्पर अनुकरणीय समन्वय का परिचय दिया जिसके फलस्वरूप इस युद्ध में भी हमें विजयश्री प्राप्त हुयी |
युद्ध समाप्ति के तुरंत बाद में पाकिस्तान ने दावा किया उसके मात्र 375 सैनिक ही मारे गए हैं लेकिन बाद में सच्चाई सामने आई कि पाक के तकरीबन चार हजार सैनि करगिल संघर्ष में मारे गए हैं। भारतीय सेना के मुताबिक 543 अफसर और जवान शहीद हुए जबकि करीब 1300 जख्मी हुए। महज एक भारतीय सैनिक को युद्ध बंदी बनाया गया था। कारगिल संघर्ष के समय जहाँ अमेरिका नें पाकिस्तान को नियन्त्रण रेखा के उल्लघन का दोषी माना था वहीं G8 देशों,यूरोपियन यूनियन एवं ASEAN के क्षेत्रीय संघटन ने भी पाकिस्तान की आलोचना कर सघंर्ष समाप्त करने एवं नियन्त्रण रेखा के उल्लघन को रोक कर सघर्ष के पूर्व वाली स्थिती पर लोटने को कहा | अमेरिकन राष्ट्रपति क्लिंटन और नवाज शरीफ के संयुक्त व्यक्तय में नियन्त्रण रेखा का सम्मान करते हुए भारत-पाकिस्तान के विवादों को बातचीत से शांतीपूर्ण तरीकों से सुलझाने को कहा | चारों ओर से अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री नवाज़ शरीफ ने बचे हुए पाकिस्तान के सैनिकों को भारतीय सीमा के अन्दर वाले क्षेत्र से पीछे हट जाने का आदेश दिया |
भारत की विजय के साथ 26 जुलाई 1999 को संघर्ष समाप्त हुआ | कारगिल युद्ध में भारत की विजय की स्मृति में प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है
समस्त भारत में इस कारगिल युद्ध के दौरान अद्भुत राष्ट्र प्रेम एवं देशभक्ति की भावना देखने को मिली थी | वहीं पाकिस्तान की पराजय के कारण पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ गई जिसकी परिणति में नवाज़ शरीफ़ निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट कर वहां की सेना के प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ़ राष्ट्रपति बन गए। कारगिल युद्ध के अनेकों शूरवीर बहादुर एवं फोलादी इरादों वाले जवानों में अनुज नायर, विक्रम बत्रा एवं योगेन्द्र यादव तो प्रमुख हैं ही, भारत को उनके और उनके साथीयों की वीरता तथा फोलादी देश भक्ति के इरादों से युद्ध में निर्णायक विजयश्री मिली थी | इस लड़ाई में मुख्य विजय टाईगर हिल्स पर कब्जें पर थी | कारगिल युद्ध के उपरोक्त नायकों के अतिरिक्त कारगिल संघर्ष के अन्य हीरों यथा केप्टिन जेरी प्रेमराज, केप्टिन शशि भूषण घड़ियाल,सूबेदार रघुनाथ सिंह एवं हवलदार सीसराम गिल के योगदान को भी समूचा राष्ट्र हमेशा याद रक्खेगा | कारगिल विजय पर्व के 24 वीं वर्ष गांठ के मोके पर समूचा भारत कारगिल संघर्ष के समस्त शहीदों को शत: शत: नमन करता है और उनके देशभक्ति के जज्बे को सलाम भी | समूचा राष्ट्र कारगिल विजय दिवस के मोंके पर भारत की अखंडता पर तिरछी नजर रखने वालों को कड़ी चेतावनी देता है कि वे अपनी नापाक हरकतों से बाज आयें |
जय हिंद जय किसान जय जवान | भारत का बच्चा करें उनका सम्मान और सलाम
: डा. जे.के.गर्ग
पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक कालेज शिक्षा जयपुरp